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जीवन में जो जितना छोड़ता है वह उतना ही ऊपर उठता है, अच्छे बुरे कर्म ही साथ जाते है यही प्रकृति का नियम है : पंडित राजेश शास्त्री


आर के पुरम स्थित श्री मुनिसुव्रत नाथ दिगंबर जैन त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में दस लक्षण मंडल विधान में श्रध्दालुओं ने भक्ति और समर्पण के साथ किया पूजन। पढ़िए धरणेन्द्र जैन की यह विशेष रिपोर्ट…


खेरवाड़ा। आर के पुरम स्थित श्री मुनिसुव्रत नाथ दिगंबर जैन त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में दस लक्षण मंडल विधान में श्रद्धालुगण भक्ति और समर्पण के साथ पूजन कर रहे है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन, महामंत्री अनुज गोधा, कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ने बताया कि सुबह अभिषेक शांति धारा के बाद दस लक्षण महामंडल विधान पूजन इंदौर से आए पंडित राजेश शाह शास्त्री के निर्देशन में कर रहे है साथ ही बूंदी से आए संगीतकार आयुष जैन और पार्टी की सुमधुर धुनों पर इंद्र इंद्राणीया प्रभु भक्ति में लीन है।

इसके साथ ही मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि और कार्याध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि सांयकाल भगवान की महाआरती संगीत और न-त्य के साथ की जाती है। इसके बाद पंडित राजेश शाह शास्त्री ने उत्तम त्याग धर्म पर मंगल प्रवचन में बताया कि जीवन में जो जितना छोड़ता है वह उतना ही ऊपर उठता है, दान चार प्रकार का दिया जाता है। साथ ही कहा कि जीवन में किसी से डरो या नही डरो पर व्यक्ति को अपने कर्मो से अवश्य डरना चाहिए। हर कोई माफ कर सकता है परंतु कर्म कभी माफ नहीं करता वो इंसाफ करता है। जीवन में कुछ साथ नही जाता बस आपके अच्छे बुरे कर्म ही आपके साथ जाते हैं, यही प्रकृति का नियम है।

इस अवसर पर सकल दिगंबर जैन समाज के महामंत्री विनोद जैन टोरडी रूप चंद जैन, महावीर जैन, प्रकाश जैन, लोकेश जैन,पदम जैन, रोहित जैन, अशोक जैन, प्रेमचंद सोगानी, विमल जैन, दीपक जैन, पंकज जैन अरुण जैन हेमन्त डूंगरवाल सहित कई श्रद्धालु शामिल हुए।

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