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आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी चले उदगांव की ओर: निमियाघाट में जैन मुनि दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु


अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज का मंगल विहार उदगांव की ओर हो गया। इससे पहले आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज व अन्य संतों का मंगल प्रवचन हुआ। विस्तार से पढ़िए हमारे सहयोगी राजकुमार अजमेरा व मनीष सेठ की रिपोर्ट   


पारसनाथ सिद्ध क्षेत्र में भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सपन्न कर आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का विहार निमियाघाट से हुआ। गुरुवार प्रातः गुरु भक्ति के साथ पारसनाथ की छत्र छाया में अभिषेक,बृहद शांतिधारा विश्व शांति कल्याण मंदिर विधान निमियाघाट में किया गया । यहां दिन में सामयिक स्वाध्याय कर सैकड़ो भक्तों को मंगल आशीर्वचन दिया। अपने प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि निमियाघाट बहुत अतिशय क्षेत्र है। मैं, आज से 661 दिन पूर्व अप्रैल 2021 में निमियाघाट में, अपने दो मुनिराजों के साथ आया था। यहां आने के बाद जून 2021 में पांच दीक्षा निमियाघाट के धरती में हुई थी। अभी सम्मेद शिखर में यात्रा कर वापस निमियाघाट आया तो 17 पीछी हो गई है। यह इस धरती का प्रभाव है। ये क्षेत्र अतिशय क्षेत्र ही नहीं,सिद्ध क्षेत्र भी है।निमियाघाट में सबसे पुरानी पारसनाथ की प्रतिमा

यहां आने से सम्मेद शिखर के पहाड़ पर विराजित पारसनाथ टोंक के दर्शन होते हैं। यह भूमि बहुत ही ऊर्जावान है। मैं, सभी लोगों से कहता हूं कि जब भी सम्मेद शिखर आएं तो निमियाघाट के अतिशय उक्त 1008 पारसनाथ भगवान की दर्शन अवश्य करें । इस क्षेत्र में ये सबसे पुरानी पारसनाथ की प्रतिमा है। यहां मन से भी जो भी मांगो, आपकी सभी कार्य पूर्ण होते है। आचार्य श्री ने सभी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा की उन्होंने सम्मेद शिखर के पारसनाथ के स्वर्णभद्र कूट पर तपस्या का एक अनमोल क्षण प्राप्त किया।

मंगल विहार में गणमान्य लोग भी शामिल

इस मंगल विहार में संघपति दिलीप जैन हुम्मड ,डी. के.जैन अहमदाबाद, मनोज-नीलू जैन छाबडा ,अजय जैन छाबडा लालगोला ,आकाश जैन इंदौर,दिगम्बर सिंह, आदि मौजूद थे।

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