पंचम पट्टाघीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 35 साधुओं सहित पारसोला सन्मति भवन में विराजित हैं। इनके सानिध्य में पंचामृत अभिषेक किया गया। पढ़िए पारसोला से राजेश पंचोलिया की खबर…
पारसोला। पंचम पट्टाघीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 35 साधुओं सहित पारसोला सन्मति भवन में विराजित हैं। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ससंघ सानिध्य में संघस्थ बाल ब्रह्मचारी गज्जू भैया, आहार बिहार व्यवस्था के सहयोगी छोटू भैया विजयनगर, सनत कुमार जैन इंदौर राजेश पंचोलिया इंदौर सोनू भैया तथा आर्यन द्वारा श्री पार्श्वनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक 36 से अधिक द्रव्यों जल दूध ,दही, केशर अनेकों फलों के रस, अनेकों ड्राई फ्रूट के रस , विभिन्न प्रकार के पुष्प अनेक प्रकार के चंदन आदि से किया गया। समाज अध्यक्ष जयंतीलाल कोठारी एवं वर्षा योग समिति अध्यक्ष ऋषभ पचौरी ने बताया कि प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी आचार्य पदप्रतिष्ठापना शताब्दी महोत्सव आचार्य श्री वर्धमान सागर 75 वा अवतरण, चातुर्मास, दीक्षा महोत्सव अनेक कार्यक्रम पारसोला नगर में श्री पार्श्वनाथ भगवान की कृपा से निर्विघ्न सानंद जैन धर्म की प्रभावना सहित संपन्न हुए ।
राजेश पंचोलिया अनुसार समाज द्वारा श्री पार्श्वनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया। इस अवसर पर विविधफल द्राक्षा ,नारंगी,दाडिम, सेवफल, रंभा,अन्नानास ,सीता फल,पपीता,इक्षु ,चीकू,संतरा, नारियल सूखे मेवे में काजू, बादाम पिस्ता, अखरोट, शर्करा, घी , दूध, दही, सर्वोषघी ,चार कलश,अनेक लाल सफेद चंदन, चावल हल्दी हरिद्रा विभिन्न पुष्प मंगल आरती सुगंधित जल दूध से शांतिधारा की गई । 36 से अधिक द्रव्यों से पंचामृत अभिषेक किया। इस अवसर श्री जी की पूजन एवम पूर्वाचार्यों सहित आचार्य श्री वर्धमान सागर जी को अर्घ्य समर्पित किया गया। आचार्य श्री ने प्रवचन में बताया कि श्रीजी के अभिषेक से श्री बाहुबली भगवान के 12 वर्षीय महामस्तकाभिषेक की स्मृति ताजा हो गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भी अभिषेक किया।
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