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उत्तम त्याग धर्म की पूजा की : चिंतामणि पार्श्व नाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक और शांतिधारा की गई 


श्री दिगम्बर अतिशय क्षेत्र श्री पार्श्व पद्मावती धाम पलवल में दशलक्षण महापर्व के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने उत्तम त्याग धर्म की पूजा की। इस अवसर पर वात्सल्य मूर्ति दिव्य तपस्वी आचार्य श्री सुंदर सागर जी के आशीर्वाद से चिंतामणि पार्श्व नाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक और शांतिधारा की गई। पढ़िए यह रिपोर्ट…


पलवल। श्री दिगम्बर अतिशय क्षेत्र श्री पार्श्व पद्मावती धाम पलवल में दशलक्षण महापर्व के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने उत्तम त्याग धर्म की पूजा की। इस अवसर पर वात्सल्य मूर्ति दिव्य तपस्वी आचार्य श्री सुंदर सागर जी के आशीर्वाद से चिंतामणि पार्श्व नाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक और शांतिधारा की गई।

इस अवसर पर नितिन जैन, अनुज जैन, मेघा जैन, अमन जैन और अरिहंत जैन ने सपरिवार भक्तिपूर्वक अभिषेक व पूजन किया। शासन रक्षक देवी पद्मावती जी का शृंगार किया गया व शासन रक्षक देव श्री क्षेत्रपाल जी को चोला चढ़ाया गया। इस पावन अवसर पर क्षेत्र के व्यस्थापक नितिन जैन ने बताया कि त्याग का अर्थ केवल दान करना नहीं है। दान और त्याग में बहुत बड़ा अंतर है।

अवगुणों की छोड़ दें, उन्हें ग्रहण नहीं करें, यही त्याग है। त्याग की सार्थकता तभी है जब वह किसी लोभ और अहंकार के बिना किया जाए। क्षेत्र के अध्यक्ष विनोद जैन ने उत्तम त्याग धर्म की चर्चा करते हुए कहा कि त्याग जीवन को महान बनाता है। मनुष्य के अंदर क्रोध, मान, माया, लोभ, जैसे विकार को निकालना ही त्याग है।

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