क्षेत्रपाल मंदिर में धर्म सभा में मुनि श्री का सम्बोधन
अभिनंदन नाथ की वेदिका पर हुईं अभिषेक की मांगलिक क्रियाएं
न्यूज़ सौजन्य – राजीव सिंघई
ललितपुर। स्थानीय क्षेत्रपाल मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधा सागर जी महाराज ने कहा है कि जीवन में पाप अभिशाप है। हमने जिस धरती पर जन्म लिया है, उसे पाप से अपवित्र मत करो। जीवन में सीमाएं बांधों कि कम से कम देवस्थान पर पाप नहीं करेंगे। जब भी बुरे विचार आएं तो सोचो कि अगर यह मेरे या
मेरे परिवार के साथ होता तो कैसा लगता। जीवन को संवारने के लिए पाप को त्यागना जरूरी बताते हुए मुनि श्री ने श्रावकों को सीख दी।
रविवार को प्रातःकाल क्षेत्रपाल मंदिर में मूलनायक अभिनंदन नाथ की वेदिका पर अभिषेक की मांगलिक क्रियाएं हुईं। इसके उपरान्त शान्तिधारा मुनि श्री सुधासागर महाराज के मुखारविन्द से हुई। सायंकाल जिज्ञासा समाधान के उपरान्त भक्तिमय
आरती पुर्ण्याजक परिवार सहित की। धर्मसभा प्रारम्भ होने के पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण श्रेष्ठीजनों ने किया।
आज मुनिश्री सुधासागर महाराज का पडगाहन प्रवीण जैन गुरूवर क्लासिज,नगर गौरव पूज्य सागर महाराज को पडगाहन बल्लू बछरावनी, एलक धैर्यसागर महाराज को पडगाहन कमलेश जैन जरावली, क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज को पडगाहन अरुण जैन गुरुकृपा परिवार को मिला। सायंकाल जिज्ञासा समाधान में मुनि सुधासागर महाराज ने श्रावकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्यसागर जी महाराज अपने संघस्थ एलक धैर्यसागर महाराज एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के ललितपुर चातुर्मास में दर्शनार्थ धर्मालुजन पहुंच रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद का अधिवेशन ललितपुर में शीघ्र ही
जिज्ञासा समाधान में अखिल भारतीय विद्वत परिषद के महामंत्री डा. सुरेन्द्र भारती ने मुनि श्री के सम्मुख 10 वर्ष पूर्व ललितपुर से शुरू हुई विद्वत संगोष्ठी को प्रेरणादायी बताते हुए देश के विद्वानों की भावनाएं अधिवेशन हेतु रखीं। जिसपर जैन पंचायत ललितपुर को अपनी सहर्ष सहमति देते हुए मुनि श्री ने अपना आशीर्वाद प्रदान किया। श्री भारती ने बताया कि विद्वत परिषद में देश के विभिन्न स्थानों के विद्वान पहुंचकर मुनि श्री से शंकाओं का समाधान कर आगामी मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।