आचार्यश्री प्रज्ञासागर जी महाराज भवानीमंडी में विराजित होकर धर्म प्रभावना बिखेर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को अपने प्रवचन में वसुदेव कुटुंबकम का संदेश देकर परिवारों को सशक्त होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने घर के मुखिया के बारे में कहा कि इनकी सोच स्पष्ट और सशक्त होनी चाहिए। भवानीमंडी से पढ़िए अभिषेक जैन की यह खबर…
भवानीमंडी। आचार्य श्री प्रज्ञा सागर महाराज भवानीमंडी में विराजमान है। जहां पूरा नगर धर्म की गंगा में डुबकी लगा रहा है। मंगलवार की प्रातः बेला में आचार्यश्री ने अपने मंगल प्रवचन में भक्ति की शक्ति पर अपना उद्बोधन दिया। आचार्य श्री ने कहा कि जो भी भगवान की शरण में आता है, वह सबकुछ पा लेता है। उन्होंने आचार्य श्री वर्धमानसागर जी एवं आचार्य श्री भरतसागर जी का उदाहरण देते हुए भक्ति की शक्ति को समझाया। संध्याकालीन आनंद यात्रा में आचार्य श्री ने इंसानियत को जगाने और सही दिशा में मार्गदर्शन की जरूरत पर बल दिया। वर्तमान परिपेक्ष्य में आचार्य श्री ने कहा कि आज लोग सबकुछ पाना चाहते हैं लेकिन, करने के लिए तैयार नहीं होते।
उच्च संस्कारों से बच्चा ग्रेजुएट नहीं ग्रेट बनता है
हमारे ऋषियों ने वसुदेव कुटुंबकम का संदेश दिया है। जहां हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है। उन्होंने परिवार के मुखिया के विषय में कहा कि घर के मुखिया की सोच स्पष्ट और सशक्त होनी चाहिए। नहीं तो घर में अराजकता का माहौल बन सकता है। आजकल बच्चे जन्म से जिद्दी नहीं होते, बल्कि उन्हें माता-पिता का अति लाड़-प्यार जिद्दी बना देता है। उच्च संस्कारों से ही एक बच्चा ग्रेजुएट नहीं बल्कि ग्रेट बनता है। धार्मिक आयोजन में जैन समाज के साथ अन्य वर्ग के श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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