आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर गुरुवार को परमेष्ठि विधान किया गया। आचार्यश्री के अनुयायियों ने उनके आदर्शों, संदेशों को याद किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने अर्घ्य अर्पित किए और विधान किए। पढ़िए आगरा से राहुल जैन की यह खबर…
आगरा। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर-7, आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा आगरा में आचार्य श्री विद्यासागर सागर प्रथम समाधि दिवस मनाया गया। पंडित आशीष शास्त्री जी ने श्री आचार्य परमेष्ठि विधान किया। वैज्ञानिक आचार्यश्री निर्भय सागर महाराज जी के शिष्य मुनिश्री शिवदत्त सागर, मुनि श्री हेमदत्त सागर जी और मुनि श्री पद्मदत्त सागर महाराज जी के सानिध्य में विनयांजली प्रस्तुत की गई।
इन्होंने किया दीप प्रज्वलन रखे विचार
आगरा दिगंबर जैन परिषद के राकेश जैन पर्दे वाले, मनोज जैन बाकलीवाल, सतीश जैन, विजय जैन निमोरब, राकेश जैन पेंट, जितेश जैन, अनिल जैन ने विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन पंडित आशीष शास्त्री जी के सानिध्य में किया गया। मुनिश्री शिवदत्त सागर, आचार्य श्री बस यही तो नाम था। आचार्य श्री एक ही थे, एक ही रहेंगे। बचपन से हमने कभी पूरा नाम लिया ही नहीं। ऐसा लगता था कि अवज्ञा ना हो जाए। गुरु सम बनना है, गुरु ने छोड़ी पैरों की छाप उनके पीछे चलना है। गुरुदेव कहीं भी नहीं गए ,वो हमारे दिल में है। उनके बताए हुए मार्ग पर चलना ही हमारा धर्म है। नमोस्तू गुरुदेव, संस्कार शिरोमणि, सिद्धांत चक्रवर्ती, आयुर्वेदाचार्य, ब्रह्मांड के देवता, गगन विहारी, अंतर यात्री महापुरुष, संस्कृती थे और सभी ने अपने-अपने विचार प्रकट किए।
यह गुरु भक्त मौजूद रहे
इस मौके पर मंदिर कमेटी के मंत्री विजय जैन निमोरब, मनोज जैन बाकलीवाल, आगरा दिगंबर जैन परिषद के मंत्री सुनील जैन ठेकेदार, राकेश जैन पर्दे वाले, अनिल आदर्श जैन, सतीश जैन, राकेश जैन पेंट, राकेश जैन टीचर, अनिल जैन बुरे वाले, हरीश चंद जैन, सुरेश जैन, जितेश जैन, मोहित जैन, प्रशांत जैन मीडिया प्रभारी राहुल जैन एवं सकल जैन समाज मौजूद रहे।
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