धामनोद जैन मंदिर 14 वें तीर्थंकर श्री अनंतनाथ का ज्ञान और अरह नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर लाडू चढ़ाए गए।
धामनोद। दिगंबर जैन मंदिर में आर्यिका श्री कीर्ति श्री माताजी के सानिध्य में नित्य अभिषेक और शांतिधारा हुई श्री जी माताजी के मुखारविंद से रोजाना शांतिधारा भी हो रही है। शनिवार को जैन धर्म के 14 वें तीर्थंकर भगवान अनंतनाथ का ज्ञान और मोक्ष कल्याणक तथा अरह नाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर माताजी कीर्ति श्री जी ने अपने मुखारविंद से अर्घ्यावली बोलकर उपस्थित श्रावकों और श्राविकाओं से सामूहिक निर्वाण कांड बोलकर सभी ने अपने हाथों में घर से शुद्ध प्रासुक जल से सामग्री को शुद्ध कर विनती का स्मरण कर लाडू बनाकर अर्पित किया। मिट्टी के दीपक जलाकर श्री सम्मेदशिखर जी की स्वयं-भू कूट तथा नाटककूट का स्मरण कर श्री सम्मेदशिखरजी में खड़े होकर अनंतनाथ और अरहनाथ भगवन्तों का ध्यान रखकर उनके चरणों में लाडू चढ़ाया।
ऐसी भावना भाई कि प्रभु आपने इस संसार में आना-जाना बंद कर सिद्ध शिला पर विराजमान हो गए। इसी हमारी भी आत्मा का कल्याण हो। इस अवसर बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थीं। ऐसे मोक्ष कल्याणक धामनोद के अलावा प्राचीन बिखरोन मंदिर में भी लाडू चढ़ाकर मोक्ष कल्याणक मनाया गया। यह जानकारी समाज अध्यक्ष महेश जैन ने दी। रोजाना माताजी के प्रवचन और दोपहर को स्वाध्याय की क्लासेस चल रही है।
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