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नफरत की आग पर इंसानियत की फुहार

नीमच । मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली कस्बे में जैन संत की समाधि के लिए मुस्लिम युवक ने अपनी जमीन दान कर दी। उनकी इस नेकी के लिए देशभर में सराहना हो रही है। मुनिश्री शांति सागर का गुरुवार देर रात देव लोकगमन हो गया। शुक्रवार को अंत्येष्टि संस्कार किया जाना था।
दिशा शूल के मुताबिक कस्बे के दक्षिण-पश्चिम में समाधि के लिए नीमच-सिंगोली सड़क मार्ग पर सिंगोली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अशरफ मेव गुड्डू की जमीन को उचित माना। लाखों का ऑफर लेकर नीमच जैन समाज के लोग अशरफ के घर पहुंचे। तब रात के ढाई बज रहे थे, उन्हें जगाया और संत की समाधि के लिए मुंह मांगे दाम पर भूमि में से कुछ हिस्सा देने की मांग की। इस पर मेव ने कहा- अगर अल्लाह का हुक्म है कि एक जैन संत की समाधि मेरी जमीन पर बने तो फिर धन कोई मायने नहीं रखता। वे उसी समय जैन समाज के लोगों के साथ एक किमी दूर जमीन पर पहुंचे और कहा, जो जगह पसंद है ले लें।
जैन समुदाय के लोगों ने मुख्य सड़क मार्ग से लगी भूमि को चुना। शुक्रवार को डोल (शव यात्रा) निकाल कर जैन संत को पंचतत्व में विलीन किया गया।
जैसे-जैसे अशरफ मेव द्वारा किए गए इस नेक कार्य की जानकारी देश भर के जैन समाज को मिलती जा रही है, जैन व अन्य समाज के लोगों ने मेव को फोन कर दो समुदायों के बीच सौहार्द की मिसाल कायम करने के लिए धन्यवाद देना शुरू कर दिया।

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मनीष गोधा

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