भोपाल में आज दिगम्बर जैन समाज के जाने माने संगीतकार अशोक जैन दोराहा की संल्लेखना पूर्वक समाधि हो गई। आज उनका तप साधना का पांचवां उपवास था। आप बहुत ही होनहार संगीतकार एवं सैकड़ो पंचकल्याणक एवं विधानों में अपनी सुमधुर आवाज से बहुत ही अच्छी भक्ति करवाते थे। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की यह विशेष रिपोर्ट….
इंदौर : भोपाल में आज दिगम्बर जैन समाज के जाने माने संगीतकार अशोक जैन दोराहा की संल्लेखना पूर्वक समाधि हो गई। रवीन्द्र जैन पत्रकार, भोपाल ने बताया कि आज उनका तप साधना का पांचवां उपवास था। आप बहुत ही होनहार संगीतकार एवं सैकड़ो पंचकल्याणक एवं विधानों में अपनी सुमधुर आवाज से बहुत ही अच्छी भक्ति करवाते थे। आप पर बड़े बड़े आचार्यों का एवं मुनि एवं आर्यिका संघों का आशीर्वाद प्राप्त था। भोपाल में नेहरुनगर स्थित निवास पर उनका समाधिमरण बाल ब्रह्मचारी अविनाश भैया, नितिन भैया जी के निर्देशन में हुआ।
धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि अशोकजी का जन्म जैन परिवार में नहीं हुआ था, लेकिन उन्होंने देश विदेश में जैन समाज में संगीत के साथ साथ जैन धर्म को अपने जीवन में उतार लिया था। और जैन धर्म संस्कृति को अपनी आवाज और संगीत से पुरे भारत में गौरवान्वित किया। वे अपने नाम के साथ जैन लिखते थे। उन्होंने दो प्रतिमाएं धारण कर ली थीं। वे एक श्रेष्ठ श्रावक के रूप में धर्म के मार्ग पर चल रहे थे। उन्होंने अंतिम समय में संल्लेखना पूर्वक प्राण त्यागे हैं।
उनके पुत्र धर्मवीर के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कल सुबह 11 बजे भोपाल के छोला विश्रामघाट पर किया जाएगा। आप के निधन से जैन समाज में शोक की लहर। समाजजनों ने अपने अपने शोक संदेश रविन्द्र जैन पत्रकार, मनोहर लाल टोंग्या विनोद जैन डॉ जैनेन्द्र जैन भुपेंद्र जैन कमल जैन एवं परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष श्रीमती मुक्ता जैन सारिका जैन ने भी समाज के अपुर्णीय क्षति बताया।
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