आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज द्वारा 6 नवंबर 2024 को आचार्य सुधींद्र सागर ससंघ एवम गणिनी आर्यिका तीर्थ रक्षिका विरागमती माताजी के ससंघ सानिध्य में मुनि श्री सुदत्त सागर जी महाराज को उनकी योग्यता को देखते हुए समाज की साक्षी में उपाध्याय पद प्रदान किया गया। अब वे उपाध्याय सुदत्त सागर जी महाराज के नाम से जाने जाएंगे। पढ़िए मनोज नायक की खबर
परम पूज्य बुंदेलखंड केसरी आचार्य गुरुदेव श्री सिद्धांत सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री सुदत्त सागर जी महाराज को राजस्थान प्रांत के आंतरी नगर में चातुर्मास में विराजमान चतुर्थ पट्टाचार्य आचार्य श्री निर्मल सागर महाराज के शिष्य गिरनार गौरव पंचम पट्टाचार्य राष्ट्र संत उमता क्षेत्र प्रणेता आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज द्वारा 6 नवंबर 2024 को आचार्य सुधींद्र सागर ससंघ एवम गणिनी आर्यिका तीर्थ रक्षिका विरागमती माताजी के ससंघ सानिध्य में मुनि श्री सुदत्त सागर जी महाराज को उनकी योग्यता को देखते हुए समाज की साक्षी में उपाध्याय पद प्रदान किया गया। अब से मुनि सुदत्त सागर जी महाराज, आचार्य निर्भय सागर जी महाराज की आज्ञा से उपाध्याय सुदत्त सागर जी महाराज के नाम से जाने जाएंगे।
दो दीक्षाएं संपन्न हुईं
इस कार्यक्रम की उपस्थिति में दो दीक्षाएं भी संपन्न हुईं। जिसमें ब्रह्मचारिणी रश्मि दीदी को क्षुल्लिका दीक्षा दी गई और उनका नाम क्षुल्लिका विषंक मति और बूंदी के भैया जी का नाम क्षुल्लक निमित्त सागर रखा गया। इस कार्यक्रम में आचार्य निर्भय सागर जी महाराज के आज्ञाकारी शिष्य पिड़ावा राजस्थान में चातुर्मासरत क्षुल्लक नैगम सागर जी महाराज की भी उपस्थिति रही।
ये सभी उपस्थित रहे
मुख्य अतिथि के रूप में सागवाड़ा से पधारे 18000 दशा हुमर समाज के अध्यक्ष श्री दिनेश जी खोड़निया, सागवाड़ा के पूर्व सांसद कनकमल जी, आंतरी सकल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष सूरजमल जी जैन, चातुर्मास कमिटी के अध्यक्ष तेजपाल जी जैन, उपाध्यक्ष पंकज जी, नरेश जी, गिरीश जी, यशवंत जी की भी उपस्थिति रही। दूर सुदूर से आए भक्तों में से डूंगरपुर हीराता तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष श्री महिपाल जी जैन, सचिव भूपेन्द्र जी जैन एवम अन्य की भी गरिमामई उपस्थिति रही।
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