समवशरण मंदिर में ससंघ विराजित मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने बुधवार को उज्जैन की ओर विहार किया। वे संभवतः 19 जनवरी को वहां मंगल प्रवेश करेंगे। इंदौर में चातुर्मास के अलावा मुनिश्री ने विभिन्न जिनालयों में अपने प्रवचनों और शंका समाधान कार्यक्रम के जरिये जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं का मार्गदर्शन किया। उन्हें धर्म और संस्कार की शिक्षा दी। पढ़िए इंदौर से यह खबर…
इंदौर। समवशरण मंदिर, में संसघ विराजमान मुनिश्री प्रमाण सागर संसघ का इंदौर से उज्जैन की ओर विहार हुआ। इसमें बड़ी संख्या में समाजजन सम्मिलित हुए। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव के सफल चातुर्मास संपन्न होने और अच्छी धर्म प्रभावना गुरुदेव संसघ सानिध्य में मां अहिल्या की नगरी इंदौर में बही। बुधवार को गुरुदेव संसघ ने उज्जैन के लिए विहार किया। उन्होंने बताया कि संभवतः 19 जनवरी को महावीर तपोभूमि में प्रवेश संभावित है।
ऐतिहासिक हुआ था इंदौर में महामंडल विधान
उल्लेखनीय है कि मुनिश्री प्रमाणसागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में इंदौर के विजयनगर चौराहे पर ऐतिहासिक धर्म प्रभावना बढ़ाने वाला आयोजन संपन्न हुआ। इसमें यहां की धरती पर पहली बार 108 दिव्य रत्नाभूषित रथों सहित 110 रथ रथोत्सव में शामिल हुए थे।
लाखों लोगों ने भव्य महामंडल विधान महोत्सव में भाग लेकर 110 मंडलों में विराजित भगवान की मूर्तियों का अभिषेक और शांतिधारा कर पुण्यार्जन किया था। नगर में विभिन्न जिनालयों में मुनिश्री के प्रवचनों और शंका समाधान के कार्यक्रमों से जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं को लाभार्जित हुआ था।
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