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सच्चे जैनी हो तो रोज सबेरे मंदिरजी जाएः मुनि सुख सागरजी का हुआ नगर में मंगल प्रवेश 


संतों की सेवा में अग्रणी त्यागियों की नगरी सनावद में संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्या सागरजी के शिष्य मुनिश्री सुख सागरजी का नगर में प्रातः मंगल प्रवेश हुआ। आचार्यश्री विद्या सागरजी के शिष्य मुनिश्री सुख सागरजी का मंगल प्रवेश बेड़ियां की ओर से हुआ। आप निरन्तर कर्नाटक प्रांत चातुर्मास संपन्नकर जबलपुर की ओर अग्रसर है। पढ़िए सन्मति जैन काका की सनावद की यह पूरी खबर….


सनावद। त्याग एवं संयम के लिए प्रसिद्ध नगरी सनावद में संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्या सागरजी के शिष्य मुनिश्री सुख सागरजी महाराज का नगर में प्रातः मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के शिष्य मुनिश्री सुख सागरजी का मंगल प्रवेश बेड़ियां की ओर से हुआ। आप की अगवानी सभी समाजजनों ने चौधरी फ्यूल्स पर की आप निरन्तर कर्नाटक प्रान्त चातुर्मास संपन्न कर जबलपुर, मध्यप्रदेश की ओर निरन्तर अग्रसर है।

पाद प्रक्षालन व शांतिधारा

आपने नगर में प्रवेश कर सभी जिनमंदिरो के दर्शन किए एवं अंत में श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ बड़ा जैन मंदिर में महिला मंडल के द्वारा सिर पर कलश रखकर आपके पाद प्रक्षालन करवाया गया। आपके सानिध्य में बड़े मंदिरजी में श्रीजी का अभिषेक कर शांतिधारा कमल केके, राहुल स्वास्तिक, मनोज जैन, सुरेश मुंशी, प्रशांत जैन, कमल जटाले, प्रवीण जैन, रितेश मुंशी के द्वारा की गई।

सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र तीनों की एकता ही मोक्ष मार्ग 

मुनिश्री के मंगल प्रवचन बड़े मंदिरजी के हाल में हुवे। जिसमें सर्वप्रथम मंगलाचरण संगीता पाटोदी ने किया। तत्पश्चात मुनिश्री अपनी दिव्य देशना का रसपान करवाते हुवे कहा कि सम्यक दर्शन सम्यक ज्ञान सम्यक चरित्र इन तीनों की एकता ही मोक्ष मार्ग हैं। कोई श्रावक धर्म का पालन कर रहा है लेकिन मुक्ति को प्राप्त नहीं कर पायेगा, स्वर्ग तक ही जायेगा। जिन्होंने ये सुख शांति प्राप्त कर ली है उनकी शरण में जाइए। उनसे जानिए अरिहंत शरणम् पावज्जामि, सिद्धे शरणम् पावज्जामि, साहू शरणम् पावज्जामि, केवली परन्तम धम्मम शरणम् पावज्जामि ये चार शरण हमारे लिए आचार्यों ने उपचार से बताए है। अरिहंत भगवान शरण हे सिद्ध भगवान शरण हे साधु परमेष्टि शरण है। वो भगवान केवली के द्वारा बताया गया जिन धर्म शरण है।

सच्चे जैनी हो तो रोज सबेरे मंदिरजी जाए 

अंत में मुनिश्री श्री ने कहा की यदि आप एक सच्चे जैनी हो तो रोज सबेरे मंदिरजी जाए थोड़ा स्वाध्याय जरूर करें। तब ही आप अपनी आत्मा का कल्याण कर पायेंगे। आपकी आहारचर्या का सौभाग्य कैलाशचंद जटाले, राजेश ब्रदर्स परिवार को प्राप्त हुआ। आप का शाम को मंगल विहार सिद्ध क्षेत्र सिद्धवरकूट की ओर हुआ।

समाजजनों की उपस्थिति

इस अवसर पर मुकेश जैन, हर्षित जैन, सुधीर जैन, सरल जटाले, प्रशांत चौधरी, महेन्द्र मुंशी, रजत जैन, सुनील जैन, अचिंत्य जैन, राजेंद्र जैन, सुरेश पांड्या, अंजू पाटनी, मंजुला भूच, महिमा जैन, श्रुति सराफ, सपना जैन, सुनीता जैन, संध्या जैन, सुनीता गंगवाल, मीना बाकलीवाल, हीरामणी भुच सहित अनेक समाजजन उपस्थित थे।

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