संसार में आप सभी भ्रमण कर रहे है। जितना ब्राह्य पदार्थों में ममत्व बढ़ता है संबंध में जान-पहचान बढ़ती है , एक से अनेक होते जाते हैं ,जबकि जैन धर्म अनेक से एक होने का संदेश देते हैं। पढ़िए राजेश पंचोलिया की रिपोर्ट…
उदयपुर। संसार में आप सभी भ्रमण कर रहे है। जितना ब्राह्य पदार्थों में ममत्व बढ़ता है संबंध में जान-पहचान बढ़ती है , एक से अनेक होते जाते हैं ,जबकि जैन धर्म अनेक से एक होने का संदेश देते हैं । यह प्रेरक उद्बोधन आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के संघस्थ शिष्य मुनि श्री हितेंद्र सागर जी ने केशव नगर की धर्म सभा में श्रद्धालुओं को संबोधित कर प्रकट किए। मुनि श्री हितेंद्र सागर जी ने एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि एक लकड़ी को कपड़े पीटने की मोगरी बनाने के लिए उसे छिलना पड़ता है तब वांछित स्वरूप प्रकट होता है। मुनि श्री ने बताया कि जैन धर्म पश्चिम से पूर्व की ओर ,गंगासागर से गंगोत्री की यात्रा का संदेश देता है जीवन में सुगंध महकेगी तो आपका मोक्ष मार्ग प्रशस्त होगा जिस प्रकार नदी बहती है। बहती नदी कचरे को एक किनारे कर देती है और जीवन को सुगंधित करती है इसी प्रकार तालाब में रुका, ठहरा पानी बदबू देता है इसलिए ठहरने ज्यादा समय रुकने से बदबू आती है साधु का जीवन बहते पानी के समान है वह एक स्थान पर अधिक दिन नहीं रुकते हैं वह जगह-जगह भ्रमण कर धर्म की महक बहाते हैं । रुकने ठहरने से पतन होता है और बहने से धर्म रूपी पुण्य होता है।
बच्चों को बनाएं संस्कारित
ब्रह्मचारी गजू भैय्या ,राहुल गनोदिया, राजेश पंचोलिया अनुसार मुनि श्री ने आगे बताया कि जिस प्रकार कमंडल में संग्रहण शक्ति होती है तथा पानी के निकास के लिए टूटी रहती है जिससे धीमे धीमे पानी निकलता है उसी प्रकार आप जो भी संग्रहित करें उसे चार प्रकार के दान के माध्यम से प्रवाहित करते रहें धन रूपी पानी को प्रभावित करते रहे मुनि श्री ने एक सेठ ने तिजोरी में धन संग्रहण किया एक राजकुमार के बुरी संगति की कथा के माध्यम से यह बताया का कि दुर्जन, दुष्टों की संगति से जीवन बर्बाद होता है , जबकि सज्जन की संगति से आत्मा पावन पवित्र होती है इसलिए बच्चों को संस्कारित करना बहुत जरूरी है
सर्व ऋतु विलास मंदिर में पंचकल्याणक 21 मई से
दशा नरसिंहपुरा चैरिटेबल ट्रस्ट केशव नगर आदिनाथ दिगंबर मंदिर के अध्यक्ष धनपाल जेतावत एवं आयड़ मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष खूबी लाल चित्तौड़ा ने संयुक्त रूप से बताया कि शनिवार को आचार्य शांति सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन एवम शास्त्र दान बाबूलाल भदावत ,देवेंद्र मेहता, मांगीलाल नावडीया ,महेंद्र दामावत परिवार द्वारा संपन्न किया गया। मंगलाचरण आशा संगावत द्वारा किया गया ।
यह जानकारी देते हुए ट्रस्ट के मंत्री कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि रविवार को सुबह 9:15 प्रवचन के बाद आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर केशव नगर के शिखर पर ध्वजा परिवर्तन आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के सानिध्य में संपन्न की जाएगी । प्रतिदिन आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के प्रवचन प्रातः 8:00 शांति सागर सभागार पांडाल में किए जा रहे हैं तथा सायं कालीन आरती शाम 6:30 बजे की जा रही है ।
सकल दिगम्बर जैन समाज उदयपुर के यशस्वी अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत ने बताया कि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी संघ सानिध्य में आगामी माह में एक मई से पांच मई तक सर्व ऋतु विलास मंदिर का एवम् 21 मई से 25 मई तक सेक्टर 11 जैन मंदिर का पंच कल्याणक होगा
Add Comment