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जैनागम के अनुसार जीने की सीख दी: मुनि सुधासागर महाराज की धर्मसभा में उमड़े श्रावक

सारांश

ललितपुर के श्री अभिनंदनोदय तीर्थ में धर्म की प्रभावना हो रही है। मुनि श्री ने अपने व्याख्यान में कहा कि यह विचर करो कि जीवन में क्या खोया, क्या पाया। जीवन सुधर जाएगा। राजीव सिंघई  की रिपोर्ट।

ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थ, ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने कहा है कि जीवन को व्यर्थ न गंवाओ। बिना पुण्य के भण्डार में जन्म होता नहीं। मन में न जाने क्या- क्या सोचते हो। मन के कारण ही व्यक्ति नरक में जाता है मन में अच्छा सोचो। जरा विचार करो- क्या मिला किसी का बुरा सोचा। हम किसी का कुछ नहीं मिटा सकते, खुद ही मिट जाएंगे। मुनि सुधासागर महाराज ने आगे कहा कि जैनागम कहता है कि जो वस्तु तुम्हारी है ही नहीं और न ही थी, उसके बारे में क्यों सोचते हो। अपना समय क्यों बर्बाद करते हो। मुनि श्री ने जीवन में कर्म की प्रधानता बताते हुए कहा कि ऐसा काम करो जिससे मानव जीवन सार्थक हो जाए।

विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित

धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर श्रावक श्रेष्ठियों ने पुण्यार्जन किया एवं मुनि श्री का पादप्रक्षालन किया। इसके पूर्व मंगलवार को प्रातःकाल मुनि श्री के सान्निध्य में अभिनंदनोदय तीर्थ पर धर्मालुजनों ने अभिषेक शान्तिधारा का पुण्यार्जन किया। अभिनंदनोदय तीर्थ पर मुनि संघ का नवदा भक्तिपूर्वक पडगाहन हुआ जिसमें मुनि सुधासागर महाराज को पडगाहन प्रेमचंद नीरज जैन चडरउ परिवार, मुनि पूज्यसागर महाराज को पडगाहन मीना राजकुमार इमलिया परिवार, एलक धैर्यसागर को पडगाहन पं. जयकुमार जैन सेरोन परिवार, क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज को पडगाहन ब्रह्मचारिणी सविता दीदी शिवांगी परिवार को मिला। सायंकाल मुनि सुधासागर महाराज ने जिज्ञासा समाधान के दौरान श्रावकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। इसके उपरान्त गुरू वंदना और आरती में सम्मलित होकर श्रावकों ने पुण्यार्जन किया।

भगवान के माता-पिता के पात्र की गोदभराई पर श्रावक उत्साहित

अभिनंदनोदय तीर्थ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एकादश रथोत्सव में मुनि सुधासागर महाराज ससंघ के सान्निध्य से जैन समाज उत्साहित है। भगवान के माता पिता के पात्र राजेन्द्र जैन कल्पना जैन की गोदभराई की रस्म को लेकर नगर में श्रावक आयोजन करके पुण्यार्जन कर रहे हैं। पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन नया मंदिर पाठशाला परिवार ने संगीतमय आयोजन के माध्यम से माता की गोदभराई की जिसमें प्रस्तुति से बच्चे झूम उठे। संयोजना में श्रद्धा, प्रियंका, रूबी, अपूर्वी, महक, मुस्कान का योगदान सराहनीय रहा। सायंकाल प्रमुख पात्रों के आवास से गाजे बाजे के साथ पूजन द्रव्य सामग्री के दौरान श्रावक भक्ति के साथ अभिनंदनोदय तीर्थ पहुंचकर अपूर्व प्रभावना कर रहे हैं।

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