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भगवान आदिनाथ की स्तुति करते हुए 2800 अर्घ्य किए समर्पित : भक्ति में नहीं लगा धन पाप का कारण बनता है- मुनि पूज्य सागर


अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज का का पूज्य वर्षायोग 2024 श्री दिगंबर जैन नवग्रह अतिशय क्षेत्र,ग्रेटर बाबा परिसर में चल रहा है। इसके अंतर्गत चल रहे भक्तामर विधान के चौथे दिन भगवान आदिनाथ की स्तुति करते हुए 2800अर्घ्य समर्पित किए गए। पढ़िए यह रिपोर्ट…


इंदौर। अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज का का पूज्य वर्षायोग 2024 श्री दिगंबर जैन नवग्रह अतिशय क्षेत्र,ग्रेटर बाबा परिसर में चल रहा है। इसके अंतर्गत चल रहे भक्तामर विधान के चौथे दिन भगवान आदिनाथ की स्तुति करते हुए 2800अर्घ्य समर्पित किए गए। चौथे दिन विधान में सौधर्म इन्द्र बनने का लाभ सूरजमल सुशीला जैन और कुबेर बने का लाभ संजय रेखा जैन को प्राप्त हुआ।

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज ने धर्म सभा में कहा कि तीर्थंकर की भक्ति करने से करोड़ों- करोड़ों भव के पाप क्षण भर में नष्ट हो जाते है। भक्ति निस्वार्थ होनी चाहिए । मांगने से तुम्हारी आस्था और श्रद्धा के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है। भक्ति तो परमात्मा बना देती है। धन है तो उसे भक्ति, धर्म में लगा देना, नहीं तो वह धन पाप का कारण बन जाएगा।

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