धामनोद और समीपवर्ती बिखरोन गांव में भगवान श्री चंद्रपुभु जी का मोक्ष कल्याणक मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन मंदिर पहुंचे। अभिषेक, शांतिधारा और अर्घ्य अर्पित कर निर्वाण लाडू चढ़ाया। धामनोद से पढ़िए यह खबर…
धामनोद। जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान श्री चंद्रप्रभुजी का मोक्ष कल्याणक पूरी भक्ति भाव से मनाया गया। गुरुवार को स्थानीय जैन मंदिर और बिखरोन में सुबह से ही भक्त जनों का आना प्रारंभ हो गया था। धामनोद और बिखरोन के मंदिर में चंद्रप्रभुजी की विराजमान प्रतिमा पर नित्य अभिषेक और शांतिधारा होती है। गुरुवार को विशेष महोत्सव होने से प्रथम स्वर्ण कलश की बोली लगाई गई।
जिसके पुण्यार्जक डॉ. सुरेखा प्रकाश कियावत, मीना दीपक प्रधान और शांतिधारा की बोली के पुण्यार्जक ऊषा मुकेश जैन, जय राजेश जैन, प्रिया नीलेश जैन थे। इस अवसर पर सामूहिक निर्वाण कांड पाठ हुआ। शुद्ध भावना पूर्वक लाडू का निर्माण कर मिट्टी के दीपक और अर्घ्य रखकर थाली में मंदिर में लाते सभी श्रावक-श्राविकाएं यह भावना भा कर सम्मेद शिखर जी की पावन भूमि पर खड़े होकर श्री चंद्रप्रभुजी की ललितकुट पर श्री चरणों में लाडू चढ़ाकर जैसे भगवान आप 984 अरब12करोड़ 80लाख 84 हजार 595 मुनियों के साथ मोक्ष गए हैं। आप सिद्ध हो गए। आपका संसार से आना-जाना बंद हो गया। ऐसा हमारा वह दिन आए कि हम भी इस संसार के आवा गमन से मुक्त हो जाए। गुरुवार को यहां बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित रहे। यह जानकारी समाज अध्यक्ष महेश जैन और सचिव दीपक प्रधान ने दी।
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