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17 जनवरी को कुंभ राशि में आएगा शनि मिथुन राशि पर साढ़ेसाती, कर्क और वृश्चिक पर शुरू होगी ढय्या


सारांश

श्रीफल न्यूज़ आपके लिए लाया है ज्योतिष भविष्यवाणी । ग्रह-नक्षत्रों की चाल से आप अपनी ज़िंदगी में सतर्क हो सकते हैं। इस पर अपने विवेकानुसार अमल करें। श्रीफल जैन न्यूज़ इसे पठनीय सामग्री के रूप में ही आपके सामने ला रहा है। विस्तार से आप गुरुजनों व भविष्यवक्ताओ से संपर्क करें


मकर संक्रांति के बाद इस साल शनि एक ही बार राशि बदलेगा और 17 जनवरी से अपनी ही राशि यानी कुंभ में रहेगा। जिससे धनु राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म होगी। मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढय्या से राहत मिलेगी। इस दौरान ये ग्रह 140 दिनों तक वक्री और 33 दिन अस्त रहेगा। शनि की चाल में बदलाव का असर देश-दुनिया सहित सभी राशियों पर पड़ेगा। यह गोचर सभी के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। शनि के प्रत्येक गोचर का प्रत्येक मनुष्य के जीवन पर एक निश्चित प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ राशियों के लिए यह गोचर न केवल शुभ साबित होगा बल्कि उनके लिए सौभाग्य, धन, समृद्धि और ढेर सारी खुशियां भी लाएगा। शनि का यह गोचर कुछ लोगों के लिए सौभाग्य लेकर आएगा, जबकि यह दूसरों के लिए मुश्किलें या चुनौतियां भी ला सकता है। शनि का गोचर ज्योतिष अनुसार काफी अहम माना जाता है। शनि को किसी भी राशि में प्रवेश करने में करीब ढाई साल का समय लग जाता है।

शनि का स्वराशि कुंभ में प्रवेश शनि ग्रह में होने वाले इस बदलाव से कई लोगों की जिंदगी प्रभावित होगी। किसी पर इस दौरान शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी तो किसी पर शनि ढैय्या। वहीं किसी को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मान्यता है कि शनि देव अत्यंत धीमी गति से चलते हैं। शनि ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 2.5 वर्ष का समय लगता है। जब भी शनि ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो कुछ राशियों पर शनि ढैया और कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाती है।

शनि मकर कुंभ राशि के स्वामी ग्रह
कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। इसके अलावा शनि राशि के भी स्वामी हैं। मिथुन राशि इनकी उच्च जबकि मेष निम्र राशि है।

मीन राशि पर साढ़ेसाती
शनि के कुंभ राशि में आते ही मीन राशि साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि वालों को इससे राहत मिलेगी। इस तरह पूरे साल मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा। इनमें मकर राशि वालों को जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलने के योग बनेंगे। लेकिन कुंभ और मीन राशि वाले लोग परेशान हो सकते हैं। इन दोनों राशियों के लोगों को चोट लग सकती है। कामकाज में अनचाहे बदलाव होने की भी आशंका है।

कर्क और वृश्चिक राशि पर रहेगी ढय्या
शनि के राशि परिवर्तन करने से मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढय्या से राहत मिलेगी। इन राशियों के लोगों को फायदा होगा। लेकिन कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी। जिससे इन दो राशियों के लोगों के ट्रांसफर होने, नौकरी और बिजनेस में जिम्मेदारी बदलने के योग बनेंगे। दौड़ भाग बढ़ सकती है। विवाद हो सकते हैं। कामों में ज्यादा मेहनत के बाद ही सफलता मिल पाएगी। इसलिए इन राशियों के लोगों को संभलकर रहना होगा।

देश-दुनिया के लिए शनि का परिवर्तन कुंभ राशि में आने से देश में कंस्ट्रक्शन बढ़ेगा। जीभ लार मुख की सर्जरी सहित लाइलाज बीमारियों का उपचार मिलेगा। चिकित्सा क्षेत्र में बड़े आविष्कार होंगे। यह आविष्कार अधिक रोगों का उपचार करेगा। तेल खनन चिकित्सा गैस पाइपलाइन शराब लोहा मशीनरी धातु आदि की मांग बढ़ेगी। पश्चिमी देशों में विवाद बढ़ सकते हैं। वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। निचले वर्ग के लोगों के लिये रोजगार के मौके मिलेंगे। ऐसे लोगों को पद और अधिकार भी मिल सकते हैं। हालांकि पड़ोसी देशों से जुड़ी भारत की सीमाओं पर तनाव और विवाद बना रहेगा। शनि के प्रभाव से देश में बड़े कानूनी फैसले हो सकते हैं। गैर कानूनी काम करने वालों को सजा मिल सकती है। लंबे समय से मेहनत कर रहे लोगों को इस साल सफलता मिलने की पूरी संभावना है।

जानिए क्या हैं उपाय
भगवान मुनिसुव्रत की जाप,चालीसा,पूजा,अभिषेक आदि करें । मंगलवार को वासुपुज्य भगवान और शनिवार को भगवान मुनिसुव्रत जी की पूजा करें। भगवान मुनिसुव्रत की चालीसा करें । शनिवार को भगवान मुनिसुव्रत की शांतिधारा करें । गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं। पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें। तेल का दान भी करना चाहिए। तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है। शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करना चाहिए। इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि ग्रह शांत होते हैं। लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है। काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

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