मंगल कलश के बारे में पहली श्रंखला में बहुत विस्तार से विधिपूर्वक बताया गया है। पूजन विधि के दूसरे पक्ष में बताया जा रहा है कि जब कलश स्थापित हो जाए तो इसके पहले क्या किया जाए? इसमें घर और दुकान को सजाकर तोरण से सजाने के बारे में बताया जा रहा है। आइए जानते हैं इंदौर से संपादक रेखा जैन की विशेष जानकारी…
इंदौर । मंगल कलश पूजन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। खबर के पहले भाग में हमने जाना था कि कलश कैसे स्थापित करें। अब आइए जानते है कि कलश की स्थापना के पहले क्या करें? इसके बारे में बताया गया कि कलश की स्थापना से पहले हम घर या दुकान के मुख्य द्वार और अन्य द्वार पर आम के 24 पत्ते का तोरण बनाएं और द्वार पर लगाकर रंगोली और दीपक आदि से आप दुकान घर को सजाएं और इसके अलावा आप जितने अच्छे से अच्छा घर-दुकान को सजा सकते हैं, सजाएं। कलश स्थापना के बाद सबसे पहले जिनवाणी में जिस प्रकार से पूजन विधि लिखी है। उसी के अनुसार अष्ट द्रव्य से पूजन करें। पूजन भगवान महावीर स्वामी, पंच परमेष्ठि, सरस्वती और गणधरव का किया जाए और इसके साथ 48 ऋद्धि मंत्र का पाठ कर सकते हैं। उसके बाद शांति पाठ विसर्जन करें। उसके बाद नई बही खाते पर नीचे दिए गए विधि के अनुसार लिखें।
इस तरह लिखें…
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