सांगली (महाराष्ट्र)। उग्गार में खंडे नवमी को स्थानीय कृष्ण नदी में माता पद्मावती का पंचामृत अभिषेक करने की परंपरा है। ये परम्परा 300 वर्ष से चली आ रही है। मान्यता है कि यहां देवी मां का साक्षात्कार होता है। देवी के पूजन के समय आसपास के सभी धर्म के करीब 30,000 हजार लोग उपस्थित रहते हैं। अभिषेक के समय दो हजार लीटर दूध, 400 किलो शक्कर, गुड, छुहारा, बादाम आदि का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही देवी को 20,000 नारियल अर्पित किए जाते हैं। देवी की चार किलो सोने की प्रतिमा को 80 किलो चांदी की पालकी में विराजमान कर भव्य जुलूस निकाला जाता है। यहां 200 घर मुस्लिमों के होने के बावजूद इस गांव कोई भी मांसाहारी नहीं है। यहां ना ही कोई मांसाहारी होटल है और ना ही बकरी ईद मनाई जाती है।
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