गणिनी आर्यिका श्री 105 आर्षमति माताजी ससंघ श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, कर्मयोगी एनक्लेव से पद विहार कर कमला नगर स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर शालीमार एनक्लेव पहुंचीं। इस अवसर पर श्रावकों ने उनकी भव्य मंगल अगवानी की। पढ़िए शुभम जैन की रिपोर्ट…
आगरा। समाधिस्थ आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज जी की अंतिम दीक्षित गणिनी आर्यिका श्री 105 आर्षमति माताजी ससंघ श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, कर्मयोगी एनक्लेव से पद विहार कर कमला नगर स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर शालीमार एनक्लेव पहुंचीं। यहां भक्तों ने गुरुमां संघ का पाद प्रक्षालन एवं मंगल आरती कर भव्य अगवानी की। मंगल प्रवेश के उपरांत गुरुमां ससंघ ने मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा के दर्शन किए। तत्पश्चात प्रातः 7:00 बजे से 7:30 तक पूज्य माताजी के सानिध्य में भक्तों ने श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा की। इसके बाद भक्तों को गुरुमां की मंगल वाणी श्रवण करने का अवसर प्राप्त हुआ। बता दें कि परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री 105 आर्षमति माताजी ससंघ के सानिध्य में 5 नवंबर को दोपहर 1:00 बजे से बड़े ही भक्ति भाव से श्री भक्तामर दीप मालिका विधान का आयोजन किया जाएगा।
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