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मंगल प्रवेश : समाज को संस्कारित करते हैं संत – मुनिश्री पूज्यसागर


सारांश

मुनिश्री पूज्यसागर महाराज एवं ऐलक धैर्य सागर का पद विहार बानपुर से महरौनी की ओर प्रात:कालीन वेला में हुआ। पदविहार करते हुऐ मुनि संघ महरौनी नगर पहुंचा। पढ़िये राजीव सिंघई मोनू की रिपोर्ट… 


महरौनी(ललितपुर)। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री पूज्यसागर महाराज एवं ऐलक धैर्य सागर का पद विहार बानपुर से महरौनी की ओर प्रात:कालीन वेला में हुआ। पदविहार करते हुऐ मुनि संघ महरौनी नगर पहुंचा, जहां आर्यिका अमूल्य मति, आर्यिका आराध्यमति, आर्यिका अलोल्यमति, आर्यिका अनमोलमति, आर्यिका आज्ञामति के सानिध्य में श्रावक-श्राविकाओं ने मंगल आगवानी की। मुनि संघ और आर्यिका संघ के मंगल आगमन से भक्तजनों में हर्ष की लहर दौड़ गई। मुनि संघ और आर्यिका संघ को गाजे-बाजे के साथ बड़ा मंदिर लाया गया, जहां श्रावकों ने पाद प्राक्षलन किया।

इस मौके पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री पूज्यसागर महाराज ने कहा कि संत समाज को नई दिशा देते हैं और समाज को संस्कारित करने का कार्य करते हैं। मुनि संघ और आर्यिका संघ को सकल समाज की ओर से कमेटी के पदाधिकारियों और श्री यशोदय अन्तरराष्ट्रीय तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। वहीं मुनिश्री पूज्यसागर महाराज को आहार देने का सौभाग्य समाज श्रेष्ठी रतन डोगरया एवं ऐलक धैर्य सागर को आहार देने का सौभाग्य अंकित चौधरी शिक्षक को प्राप्त हुआ।

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