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महामहोत्सव : विरागोदय तीर्थ में 300 साधुओं की उपस्थिति में हुआ युगप्रतिक्रमण  


सारांश

विरागोदय तीर्थ महोत्सव में पूजन, अभिषेक और शांतिधारा सहित अनेक कार्यक्रम हुए। अपने पापों का प्रयाश्चित हजारों श्रद्धालुओं ने किया। पढ़िए राजेश रागी/रत्नेश जैन बकस्वाहा की रिपोर्ट…


पथरिया (दमोह)। जैन समाज के सबसे बड़े आयोजन में से एक विरागोदय तीर्थ महामहोत्सव में शनिवार सुबह पूजन, अभिषेक, शांतिधारा हुई। इस अवसर पर गणाचार्य गुरुदेव का विशाल पंडाल में दिव्यघोष के उदघोष के साथ दीक्षित आचार्य विनम्र सागर, आचार्य विशुद्ध सागर, आचार्य विभव सागर, आचार्य विनिश्चय सागर, आचार्य विनम्र सागर, मुनि विहर्ष सागर समेत 300 साधुओं के साथ आगमन हुआ। यहां चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, गुरुदेव का पाद प्रक्षालन भक्तों ने किया । इस अवसर पर पूज्य आचार्य विनम्र सागर जी जीवन है पानी की बूंद रचना सहित कुछ कविताओं का पाठ किया गया, जिसकी उपस्थित समहू ने काफी प्रशंसा की। आचार्य श्री विनिश्चय सागर जी ने अपने संस्मरण सुनाते हुए गुरुदेव के वात्सल्य की यादें सबके सामने व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने बाल्यावस्था से ही उनका हाथ थाम लिया था और वह अभी तक कृपा दृष्टि बनाये हुए हैं।

युगप्रतिक्रमण में शामिल हुए हजारों श्रद्धालु    

पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज द्वारा प्रत्येक 5 वर्षों के उपरांत होने वाले युगप्रतिक्रमण का भी अनुष्ठान संपन्न हुआ, जिसमें 300 से अधिक साधुओं के साथ ही हजारों श्रावको ने भाग लिया। भरे हुए विशाल पंडाल में अनेक भक्तियां, विनती गुंजायमान थीं। जीवन में किये हुए पापों एवं अपराधों का प्रायश्चित के लिए क्षमा याचना करना प्रतिक्रमण है।

ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा पंचकल्याणक

रविवार पांच फरवरी को सुबह घटयात्रा (शोभायात्रा), ध्वजारोहण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप शुद्धि के साथ पंचकल्याणक का मंगलाचरण होगा। दोपहर में महिला सम्मेलन, शाम को महाआरती, शास्त्र सभा, महासभा होगी और राष्ट्रीय भजन गायक रामकुमार एण्ड पार्टी द्वारा भक्ति संध्या का आयोजन भी होगा

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