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पंच कल्याणक महामहोत्सव के महापात्रों का चयन : मानस्तंभ की 8 प्रतिमाओं का हुआ महामस्तकाभिषेक


कस्बे में 11 से 16 दिसंबर तक होने वाले पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के लिए महापात्रों का चयन किया गया। कस्बे के जैन मंदिर में चातुर्मासरत मुनि विमल सागरजी, मुनि अनंत सागरजी, मुनि धर्म सागरजी, मुनि भाव सागरजी के सान्निध्य में 15 साल बाद मानस्तंभ की 8 प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक और शांतिधारा की। पढ़िए तुष्टि जैन की विशेष रिपोर्ट….


 

घाटोल। कस्बे में 11 से 16 दिसंबर तक होने वाले पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के लिए महापात्रों का चयन किया गया। इसके साथ ही मानस्तंभ की 8 प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक हुआ। कस्बे के जैन मंदिर में चातुर्मासरत मुनि विमल सागरजी, मुनि अनंत सागरजी, मुनि धर्म सागरजी, मुनि भाव सागरजी के सान्निध्य में 15 साल बाद मानस्तंभ की 8 प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक और शांतिधारा की। यह कार्यक्रम ब्रह्मचारी प्रदीप सुयश अशोक नगर के निर्देशन में हुआ। इसमें भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य अजित लालावात, शांति देवी को मिला। 900 साल प्राचीन मूलनायक वासुपूज्य भगवान के विराजमानकर्ता कैलाश देवी, प्रतीक मुंगाणिया परिवार, सौधर्म इंद्र लालावत धनपाल, कुबेर बनने का लाभ धीरावत पवन कुमार परिवार महायज्ञ नायक कोठारी सुमतिलाल परिवार प्राप्त हुआ। एक प्रतिमा के लिए बदामी लाल दिनेश कुमार जोदावत परिवार ने दी। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि विमल सागर महाराज ने कहा कि गुरुदेव की कृपा से यह अवसर देखने को मिल रहा है। गुरुवर शीघ्र ही वागड़ पधारें, यह भावना है, गुरुदेव का आशीर्वाद चातुर्मास के लिए आया था और कहा था कि वागड़ जाना है। इस दौरान रात में विवाह नहीं करने का संकल्प 35 गांव के लोगों ने लिया है। 250 से अधिक बालकों के उपनयन संस्कार हुए हैं। कई लोगों ने 10 व 16 उपवास किए हैं। दिव्य वेदी पर प्रभु को विराजमान करना महत्वपूर्ण कार्य है। चार वेदी की प्रतिष्ठा होगी, मान स्तंभ का अभिषेक भी 16 वर्षों बाद हो रहा है। अपने धन का जो सदुपयोग करते हैं, वो पुण्य आत्मा होते हैं। प्रभु वह दरवेश है, जो सब की खबर रखते हैं। दान के 7 क्षेत्र बताए गए हैं। इन पर जो खर्च करता है, वह सप्त परम स्थान को प्राप्त होता है। अपने जीवन में खोटे कार्यों को नहीं करना, जोड़ो तो बेजोड़ जोड़ो, जोड़ने से अपने ही खजाने में सर्प बन जाता है व्यक्ति, जब तक माता-पिता नहीं बनेंगे तो भगवान कैसे आएंगे आंगन में, यह बहुत दुर्लभ क्षण है, प्रत्येक पात्र महत्वपूर्ण होता है। अवसर कब निकल जाए कह नहीं सकते, हमारा रजत दीक्षा वर्ष चल रहा है।

श्रीफल अर्पण किया

ब्रह्मचारी प्रदीप भैया जी अशोक नगर ने कहा कि चार अनुयोग रूप चार मुनिराज मिले हैं, अच्छे से कार्य संपन्न करना है। इस कार्यक्रम में घाटोल से कांग्रेस प्रत्याशी नानालाल निनामा ने मुनि संघ को श्रीफल अर्पण कर आशीर्वाद लिया। निंबाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ से आई कमेटी ने श्रीफल अर्पण करके पंच कल्याणक करवाने के लिए श्रीफल अर्पण किया।

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