राजीव सिंघई- जैन समाज के समस्त पुरुषों ने अभिषेक किया । आर्यिका श्री ने शांति धारा के मंत्रों का उच्चारण किया । इस मौके आर्यिका चिंतनमति ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा नया वर्ष नई चुनौती नया संकल्प नया उत्साह नई उम्मीद नई रोशनी लेकर आता है।
कुछ लोग नया इतिहास रचने का संकल्प नए वर्ष पर लेते हैं। नए वर्ष का स्वागत सभी लोग करते हैं। संतों की दृष्टि में प्रत्येक क्षण प्रत्येक दिन प्रत्येक माह नया वर्ष होता है। अध्यात्म योगी प्रत्येक क्षण नई नई अनुभूति करते हैं इसलिए उनके जीवन में प्रत्येक क्षण नया वर्ष होता है। नया अनुभव समय पर नहीं चैतन आत्मा पर आधारित है |
मुनि श्री सुधासागर जी की प्रेरणा से हर वर्ष नववर्ष पर बड़े मंदिर में मूल नायक भगवान अजितनाथ जिनेन्द्र देव का महामस्तकाभिषेक का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है,हर वर्ष की भांति इस नववर्ष पर यह आयोजन भव्यता के साथ किया गया| प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य सुनील अर्पित बड़कुल और ऋषभ पवन मैगुवा को प्राप्त हुआ ।
शांतिधारा की गयी । इस मौके पर श्रावकों ने मूलनायक भगवान अजितनाथ का अभिषेक पूजन किया ।कार्यक्रम को सफल बनाने में सकल समाज का योगदान रहा ।
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