वो निशांत था, निशा का अंत करने वाला…इसीलिए ज़िंदगी की रोशनी के लिए अपने आख़िरी वक्त तक लड़ता रहा। मगर शायद ईश्वर को उसकी असहनीय पीड़ा से निजात दिलाने का एक ही रास्ता नज़र आया कि उसे देह परिवर्तन दे दिया जाए। इस देह में उसका जीवन समाप्त हो गया।
भीलूड़ा के युवा निशांत को बचाने के लिए जैन समाज ने अथक प्रयास और सहयोग किया।श्रीफल जैन न्यूज़ भी व्यापक सोशल मीडिया अभियान चलाकर उनके ईलाज के लिए राशि इकठ्ठा कर सीधे उनके खाते में पहुंचाने में मददगार रहा था । लेकिन विधि को कुछ और ही मंज़ूर था । राजस्थान में डूंगरपुर जिले के भीलूड़ा निवासी राकेश जैन के पुत्र निशांत जैन का आज देह परिवर्तन हो गया। उनके निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे निशांत जैन
भीलूडा निवासी निशांत जैन को मार्च 2022 में डॉक्टर ने एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया से ग्रस्त बताया। ये बीमारी ब्लड कैंसर का एक प्रकार है। निशांत को इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए 25 लाख रूपए की आवश्यकता थी । श्रीफल जैन न्यूज़ की मुहिम के बाद समाज के कई आधुनिक भामाशाह आगे आए और अलग-अलग माध्यमों पर अपील के ज़रिए तीन लाख रूपए से ज्यादा की राशि इकठ्ठा भी हुई। अगर निशांत को कुछ दिनों की ज़िंदगी और मिलती तो 25 लाख जुटाना कोई बड़ा काम नहीं था। लेकिन ईश्वर के उनके लिए देह परिवर्तन का विधान लिख रखा था, जिसे कोई टाल नहीं पाया। सकल जैन समाज के लोगों में जैसे ही यह खबर फैली, सभी में दुख व्याप्त हो गया।
क्योंकि सोशल मीडिया पर चली मुहिम की वजह से सभी इस बच्चे से जुड़ गए थे और भगवान से उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे। बडोदिया के समस्त दिगंबर जैन परिवारों ने श्रीफल जैन न्यूज़ को निशांत के देहावसान पर अपनी संवेदनाएं भेजी हैं । केसुभाई खोड़निया ने बडोदिया से अपने शोक संदेश में परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की बात कही । श्रीफल जैन न्यूज़ अपने लाखों पाठकों और दर्शकों की और से निशांत के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता है। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे ।
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