दिगंबर जैन समाज ने गुरुवार को महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर भगवान महावीर प्रभुजी की प्रतिमा को अष्ट धातु की पालकी में मंत्रोच्चार के साथ विराजमान कर बैंडबाजों के साथ नगर के मुख्य मार्गाे से भव्य चल समारोह निकाला। जिसमें बच्चे युवा पचरंगी ध्वजा लेकर चल रहे थे। धामनोद से दीपक प्रधान की पढ़िए यह खबर…
धामनोद। दिगंबर जैन समाज ने गुरुवार को महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर भगवान महावीर प्रभुजी की प्रतिमा को अष्ट धातु की पालकी में मंत्रोच्चार के साथ विराजमान कर बैंडबाजों के साथ नगर के मुख्य मार्गाे से भव्य चल समारोह निकाला। जिसमें बच्चे युवा पचरंगी ध्वजा लेकर चल रहे थे। बैंडबाजे वाले जैन भजन संगीतमय के साथ गा रहे थे। जगह-जगह धर्मालंबियों ने भगवान की आरती की। महावीर स्वामी के संदेश को जन-जन में नारों के साथ गुंजायमान किया जा रहा था। चल समारोह में भारी संख्या में जैन समाज के पुरुष सफेद वस्त्र और महिलाएं केसरिया और पिंक कलर की वेशभूषा पहनी हुई थी। जैन समाज के अध्यक्ष महेश जैन ने कि चल समारोह पुनः मंदिर जी पहुंचा। जहां भगवान को पांडुक शिला पर विराजमान कर 1स्वर्ण कलश 10 रजत कलश एक शांतिधारा की। श्री जी की आरती की।
प्रथम बार बालक महावीर को सजावट किया गया। पालने में झुलाने की बोली लगाई गई। जो पुण्यशाली महानुभावों ने बोली लगाई और पुण्यार्जक बने। महेश जैन ने बताया कि मंदिर जी की रोशनी से भव्य सजावट की गई। समाजजनों का वात्सल्य भोज हुआ। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में समाज कार्यकारिणी के सदस्य मुनिसेवा समिति व महिला मंडल का विशेष सहयोग रहा। मंदिर व्यवस्था प्रभारी राकेश जैन और नीलेश जैन ने आभार माना।
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