बच्चों में संस्कार जन्म से आते है, परिवार से मिलते है, या कुछ में पूर्व जन्म के अच्छे कर्मों की वजह से जन्म-जात भी होते है। कुछ बच्चों में मानव सेवा व सकल विश्व मैत्री के गुण आ जाते है। थांदला नगर की स्वाध्यायी पायल नाहर की लाड़ली बेटी को संस्कार विरासत में ही मिलें हैं ,तभी उसमें विश्व में शांति स्थापित हो ऐसी भावना ने जन्म ले लिया है,जिसकी आज आवश्यकता भी है ।पढि़ए जीवन लाल जैन की रिपोर्ट ……
थांदला। बच्चों में संस्कार जन्म से आते है, परिवार से मिलते है, या कुछ में पूर्व जन्म के अच्छे कर्मों की वजह से जन्म-जात भी होते है। कुछ बच्चों में मानव सेवा व सकल विश्व मैत्री के गुण आ जाते है। थांदला नगर की स्वाध्यायी पायल नाहर की लाड़ली बेटी को संस्कार विरासत में ही मिलें हैं ,तभी उसमें विश्व में शांति स्थापित हो ऐसी भावना ने जन्म ले लिया है,जिसकी आज आवश्यकता भी है। पायल- सुमित चौपड़ा की लाड़ली बिटिया, स्वाध्यायी पवन नाहर की भांजी तोषानी चोपड़ा (मिष्टी) ने अपना 9 वाँ जन्मदिन शांति जाप का आह्वान करते हुए मनाया। उसकी भावना को मूर्त रूप देते हुए सकल जैन श्री संघ ने ओम शांति जिनेश्वर शांति करों ,सभी जीवों को सुखी करों, के लयबद्ध जाप करते हुए मनाया। इस दौरान संघ अध्यक्ष पुष्पा घोड़ावत व पूर्व अध्यक्ष सुधा शाह सहित सभी ने मिष्टी को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
वही मिष्टी ने अपना जन्मदिन यादगार बनाते हुए यहाँ विराजित साध्वी पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा से सप्त कुव्यसन के आजीवन प्रत्याख्यान ग्रहण किये। उसके जन्मदिन पर नन्ही बहन क्विना चोपड़ा व मासी बरखा रानी नाहर ने सभी को प्रभावना वितरित कर धर्म लाभ लिया।
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