सारांश
जीवन में कोई शुभ काम करने से पहले अपनी मन-मस्तिष्क से नकारात्मक बातों को दूर रखें। इसके बाद ही शुभ कार्य का प्रारंभ करें। ऐसा करने से शुभ काम में कभी विफलता नहीं मिलेगी बल्कि उस कार्य में निरंतर वृद्धि होगी और आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। जानिए, जीवन में कैसे हम नकारात्मकता से दूर हो सकते हैं ।
इसे एक छोटे से उदाहरण से समझें, यदि आप गुलाब जामुन खा रहे हों और उस समय मन, वचन और काय तीनों अलग-अलग काम करें तो क्या उसका स्वाद आएगा? उसी प्रकार शुभ काम करते वक्त तीनों अलग-अलग हों तो काम में सफलता मिलना मुश्किल होता है। आइए जानते हैं कि जीवन की उन 21 बातों को, जिनकी मदद से नकारत्मक सोच को दूर किया जा सकता है…
1. देखा-देखी कोई काम न करें, पहले खुद देखें, समझें और करें।
2. किसी से मार्गदर्शन लेने या उसे आदर्श बनाने के पहले उसके बारे में जानकारी जरूर निकालें।
3. किसी से और क्या प्रार्थना करनी है, यह जरूर तय करें।
4. जो काम कर रहे हैं, उसके बारे हमेशा जानकारी प्राप्त करने की लगन रखें और यह न सोचें कि मुझे आता है।
5. सम्मान की अपेक्षा के साथ काम नहीं करें।
6. माता -पिता की शक्ति, धन का अहंकार कर काम शुरू नहीं करें। इससे स्वयं का अस्तित्व नहीं रहता।
7. मामा या अन्य परिचित का नाम लेकर अपने काम की शुरुआत न करें, इससे भी स्वयं का अस्तित्व नहीं रहता।
8. शुभ काम के लिए सुंदर शरीर नहीं, अनुभव की आवश्यकता होती है।
9. काम करने से बल, शक्ति आ जाती है। इसका घमंड न करें।
10. धन अधिक हो तो यह मत सोचना कि इससे सब काम हो जाएगा बल्कि मेहनत करते रहना।
11. मेरी पहचान है, मुझे बहुत समय हो गया काम करते-करते, यह सोच कर कभी काम के प्रति लगन कम मत करना।
12. धर्म, गुरु, देव या उनको मानने वालों का सहारा लेकर कभी दान, पुण्य आदि मत करना, अन्यथा पुण्य नहीं, पाप मिलेगा।
13. जो काम शुरू किया है, उसे लेकर मन में कोई शंका नहीं रखना।
14. काम की शुरुआत आकांक्षा के साथ नहीं, बल्कि अंतिम लक्ष्य के साथ होनी चाहिए।
15. साथ में काम करने वालों से ईर्ष्या नहीं, प्रेम करें। उनके अनुभव का आदर करें, न कि उनकी सुंदरता, जाति आदि का।
16. अपने शुरू किए कार्य पर अडिग रहें, डिगे नहीं बल्कि निरंतर रहें अर्थात मन को कमजोर नहीं करें।
17. दूसरे की कमजोरी को न देखें और अपनी शक्ति के बारे में कभी किसी को नहीं बताएं।
18. साथ में काम करने वालों की हर प्रकार से मदद करें, ताकि वे कभी आप को छोड़कर न जाएं।
19. दुख में या सुख में, हर समय अपने आस-पास के हर व्यक्ति से वात्सल्य रखें।
20. अपने काम की क्वालिटी कभी कम न करें।
21. किसी के प्रति धारणा बनाने से पहले उससे अवश्य मिलें।
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