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पुण्य की वजह से जीवन में गुरु की संगति: ललितपुर के अभिनंदनोदय तीर्थ पर मुनि सुधासागर का सम्बोधन

 

 


सारांश

गुरु की संगति करने से भगवान बनने की शक्ति मिलती है। इसी बात को विस्तृत रूप से समझाया है मुनि श्री ने। अक्षय अलया द्वारा लिखित पूरी रिपोर्ट पढ़िए।


 

ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थक्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर, ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने जीवन में गुरु की संगति को पुण्य का कारण बताते हुए कहा है कि गुरु संगति में स्वयं भगवान बनने की शक्ति मिलती है। प्रकृति ने जो कुछ है दिया है, देखने के लिए है। जो देखने लायक नहीं है उसे छिपकर आखिर किस लिए देख रहे हो। मुनि श्री ने श्रावकों को प्रेरणा दी कि जीवन में अच्छा सोचोगे और बुराईयों से दूर रहोगे तो आत्मिक शान्ति मिलेगी धर्म ही जीवन में श्रेष्ठ है। इसको समझो और अपने जीवन में उतारो। यह नर जन्म मिला है जिसको सार्थक करो। इसी में कल्याण है।

धर्मालुजनों ने किया अभिषेक शान्तिधारा का पुण्यार्जन

इसके पूर्व शुक्राव को प्रातःकाल मुनि श्री के सान्निध्य में अभिनंदनोदय तीर्थ पर धर्मालुजनों ने अभिषेक शान्तिधारा का पुण्यार्जन किया। इसके उपरान्त धर्म सभा का शुभारम्भ आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर श्रावक श्रेष्ठियों ने पुण्यार्जन किया एवं मुनि श्री का पादप्रक्षालन किया। धर्मसभा का संचालन महामंत्री डा. अक्षय टडैया ने किया।

 

श्रावकों की जिज्ञासाओं का समाधान

अभिनंदनोदय तीर्थ पर मुनि संघ का नवदा भक्तिपूर्वक पडगाहन हुआ जिसमें मुनि सुधासागर महाराज को पडगाहन पं. जयकुमार जैन सेरोन परिवार, मुनि पूज्यसागर महाराज को पडगाहन नवीन कुमार मनीष परिवार, एलक धैर्यसागर को पडगाहन संदीप सराफ परिवार, क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज को पडगाहन अमिताभ जैन बडकुल परिवार को मिला। सायंकाल मुनि सुधासागर महाराज ने जिज्ञासा समाधान के दौरान श्रावकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया जिसका संचालन आलोक मोदी द्वारा किया गया। इसके उपरान्त गुरु वंदना और आरती में सम्मलित होकर श्रावकों ने पुण्यार्जन किया।

 

बाक्स

मुनि विभंजनसागर महाराज का हुआ मिलन

शुक्रवार को अभिनंदनोदय तीर्थ पर गणाचार्य विरागसागर महाराज के शिष्य श्रमण मुनि विभंजन सागर महाराज ने निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज संघस्थ मुनि पूज्यसागर महाराज के दर्शन कर वात्सल्यमयी मिलन हुआ। इसके पूर्व मुनि श्री ने नवनिर्मित अभिनंदनोदय तीर्थ के दर्शन किए। मुनि श्री जैन अटामंदिर में विराजमान हैं जहां प्रातःकाल धर्मोपदेश हुए और उन्होंने श्रावकों को धर्म का मर्म बताया।

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