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कुंडलपुर में आचार्य श्री विद्या सागर महाराज जी 18 भैयाओं को क्षुल्लक दीक्षा दी पर संयम का उपकरण पिच्छी नही दी

कुंडलपुर । कुंडलपुर में चल रहे पंचकल्याणक के दौरान रविवार को 18 भैयाओं ने आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के सानिध्य में क्षुल्लक दीक्षा ली। क्षुल्लक दीक्षा में संयम का उपकरण पिच्छी की जगह एक कपड़ा दिया गया । इसके पहले भी कही क्षुल्लक दीक्षा आचार्य श्री द्वारा दी गई पर उन्हें पिच्छी दी गई थी । इस बार क्यों नही दी गई यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है ।
कुण्डरपुर में रविवार को हुई क्षुल्लक दीक्षा के बाद आचार्य श्री नव दीक्षार्थियों को ये नाम दिए गए हैं।

1. ब्र. राहुल भैया, बीई (आईटी), सागर बने क्षुल्लक औचित्यसागर जी

2. ब्र. राजेश भैया, एम ई, सागर बने क्षुल्लक गहनसागर जी

3. ब्र. भूपेंद्र भैया, बी ए, ललितपुर बने क्षुल्लक सुधारसागर जी

4. ब्र. सुमित भैया, बीकॉम, सीए IPCC, गुना बने क्षुल्लक मंथनसागर जी

 

5. ब्र. मयूर भैया, बीई (सिविल), एमई ( पर्यावरण), विदिशा बने क्षुल्लक कैवल्यसागर जी

6. ब्र. ईश्वरदास भैया (ईशु भैया), बीएससी मल्टीमीडिया

एंड एनिमेशन, महाराजपुर बने क्षुल्लक त्रिलोक सागर जी

 

7. ब्र. सचिन भैया (प्रिंस), बीई (सीएस), मुंगावली
बने क्षुल्लक मननसागर जी

 

8. ब्र. मानस बाकलीवाल, बीएमएस (मार्केटिंग) पीजीपीएफएमबी (एमबीए), इंदौर बने क्षुल्लक सुदृढ़सागर जी

 

9. ब्र. सचिन भैया, बारहवीं, पुसद (महाराष्ट्र) बने
क्षुल्लक अपारसागर जी

10. ब्र. प्रांशुल जैन, बीई (सिविल), एम टेक

बने क्षुल्लक समकितसागर जी

 

11. ब्र. अविचल भैया (चंचल), एम कॉम ,गुना बने
क्षुल्लक विचारसागर जी

 

12. ब्र. संदीप मोदी (राजा भैया), मैट्रिक, खिमलासा

बने क्षुल्लक क्षुल्लक मगनसागर जी

 

 

13. ब्र. अमित भैया, हाई स्कूल, ललितपुर बने

क्षुल्लक तन्मयसागर जी

14. ब्र. मयूर भैया, बी. कॉम, सुरखी बने क्षुल्लक उचितसागर जी

15. ब्र. अर्पित भैया, एलएलबी, सीएस फाइनल,

फिरोजाबाद बने क्षुल्लक अथाहसागर जी

16. ब्र. चंदन भैया, BCA, फिरोजपुर (पंजाब) बने क्षुल्लक उत्साहसागर जी

17. ब्र. कार्तिक भैया, सीए, डीआई एस ए, एफए एफ

डी, कानकरेंट ऑडिटर, दमोह बने क्षुल्लक अमापसागर जी

18. ब्र. सौरभ भैया, 9th, सागर बने क्षुल्लक विरलसागर जी

176 बहनों ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत

बड़े बाबा के दर पर संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज की प्रेरणा से आज 176 बहनों ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत स्वीकार कर मोक्षमार्ग पर चलने का संकल्प लिया है,यह सब बहनें अब गुरुदेव के दिशा-निर्देशन में आगे की राह तय करेगी,और गुरु के गुरुकुल की शोभा बढाएगी।सब दीदीयों को ब्राह्मी-सुन्दरी बनाया गया है।

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