श्री आदि वीर जिनालय कल्पतरु तीर्थ, दिगंबर जैन जैसवाल समाज, इंदौर द्वारा मुनि श्री विनम्र सागर जी के मंगलमय सान्निध्य में भव्य क्षमावाणी पर्व मनाया गया। धर्म प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि यह अवसर समाज के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली रहा, जिसमें दयोदय ट्रस्ट रेवती रेंज में बनने वाले भव्य जिनालय में जैसवाल समाज के रत्नों द्वारा पुण्य आयोजन का लाभ लिया गया। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट…
इंदौर। श्री आदि वीर जिनालय कल्पतरु तीर्थ, दिगंबर जैन जैसवाल समाज, इंदौर द्वारा मुनि श्री विनम्र सागर जी के मंगलमय सान्निध्य में भव्य क्षमावाणी पर्व मनाया गया। धर्म प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि यह अवसर समाज के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली रहा, जिसमें दयोदय ट्रस्ट रेवती रेंज में बनने वाले भव्य जिनालय में जैसवाल समाज के रत्नों द्वारा पुण्य आयोजन का लाभ लिया गया। इस आयोजन में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से मनीष, सविता, शौर्य जैन वर्धमान परिवार को शिखर पुंज निर्माण का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिससे समाज को गर्वान्वित किया। समाज ने उनके पुण्य की खुब अनुमोदना की। साथ ही, प्रकाशचंद, दीपक, आकाशजी जैन (RTO परिवार) ने अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग करते हुए पुण्य अर्जित किया
अन्य सहयोगी परिवारों में माधुरी कुलदीप जैन, कांता बालचंद जैन और प्रकाशचंद, अभिषेक, आशीष, अर्पित जैन परिवार के साथ ज्योति, सनमति, अक्षत, सिंघई परिवार शामिल थे। इस शुभ अवसर पर मुनि श्री विनम्र सागर जी का मंगल प्रवेश श्री आदि वीर जिनालय में हुआ। उनके श्रीमुख से शांतिधारा की गई, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आचार्यश्री विधासागरजी की वाणी हो रही हो। प्रथम शांतिधारा करने का पुण्य मनीष, सविता, शौर्य जैन वर्धमान परिवार को प्राप्त हुआ, जबकि द्वितीय शांतिधारा कांता बालचंद जैन परिवार द्वारा की गई और तृतीय शांतिधारा का सौभाग्य रितेशजी जैन परिवार ने प्राप्त किया। दीप प्रज्वलन का कार्य रितेशजैन परिवार ने किया, और शास्त्र भेंट कांता बालचंद जैन परिवार द्वारा किया गया।
इसके अलावा, प्राद प्रक्षालन विमलचंदजी जैन परिवार और प्रकाशचंदजी जैन (RTO परिवार) द्वारा सम्पन्न हुआ। पर्व के उपरांत मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के प्रवचन “विनम्रवाणी” का लाभ सकल दिगंबर जैन समाज और जैसवाल समाज ने लिया। पर्व के समापन पर, श्रीजी के क्षमावाणी कलश के बाद सामूहिक क्षमावाणी समारोह आयोजित किया गया। स्वामीत्व वाल्सल्य के पुण्यार्जक मनीष, सविता शौर्य जैन वर्धमान परिवार और सुरेंद्र, महेंद्र, मधुकुमार जैन वर्धमान परिवार थे।
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