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क्षमावाणी पर्व मनाया : एक दूसरे से गले मिलकर मांगी माफी


जैन मंदिर में पूरे समाज के महिला, पुरुष, बच्चे एकत्रित हुए और बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह पूर्वक यह पर्व मनाया। समाज के सह मंत्री राज छाबड़ा, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला, मंदिर निर्माण कमेटी के संयोजक सुरेश झाझंरी ने समाज की गतिविधियों को लोगों के बीच रखा एवं समाज में सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। पढ़िए नवीन जैन, राजकुमार अजमेरा की रिपोर्ट…


झुमरीतिलैया। क्षमावाणी पर्व के साथ जैन धर्म का 10 लक्षण पर्यूषण महापर्व संपन्न हुआ। इसी दिन पूरे भारतवर्ष में जैन संप्रदाय के लोग पर्युषण के अंतिम दिन क्षमावाणी का पर्व मनाते हैं और एक दूसरे से गले लग कर अपने द्वारा की गई गलतियों की माफी मांगते हैं। इस अवसर पर जैन मंदिर में पूरे समाज के महिला, पुरुष, बच्चे एकत्रित हुए और बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह पूर्वक यह पर्व मनाया। समाज के सह मंत्री राज छाबड़ा, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला, मंदिर निर्माण कमेटी के संयोजक सुरेश झाझंरी ने समाज की गतिविधियों को लोगों के बीच रखा एवं समाज में सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

जय कुमार गंगवाल, कमल सेठी, ललित सेठी, आशा गंगवाल, नीलम सेठी, सुनील सेठी, पार्षद पिंकी जैन आदि ने सभी भक्तजनों और समाज के लोगों को क्षमावाणी पर्व की शुभकामनाएं दी पूरे समाज से क्षमा याचना की। बुंदेलखंड कुंडलपुर से आई ब्रह्मचारी गुणमाला दीदी एवं चंदा दीदी ने इस महान अवसर पर अपनी अमृतवाणी में भक्तजनों को कहा कि क्षमा वीरों का आभूषण है, क्षमा वीरों की शोभा है, मजबूत लोग ही क्षमा प्रदान करते हैं आज पूरे विश्व को क्षमा धर्म अपनाने की आवश्यकता है क्षमा धर्म के पालन से पूरे विश्व में शांति कायम की जा सकती है, मनुष्य गलतियों का पुतला है गलती होना स्वाभाविक है परंतु गलती होने पर क्षमा मांग लेना ही सर्वश्रेष्ठ कार्य है, व्यक्ति को कभी भी क्रोध से नहीं जीता सकता है क्षमा के द्वारा ही दुश्मन के मन को परिवर्तित किया जा सकता है, आज छोटी सी छोटी गलती पर भाई भाई का दुश्मन हो जाता है लोग जीवन पर्यंत एक दूसरे का मुंह नहीं देखना चाहते हैं परंतु क्षमा के द्वारा परिवार को टूटने से बचाया जा सकता है पूरे विश्व को जैन धर्म का क्षमावाणी पर्व को विश्व मैत्री दिवस के रूप में अंगीकार करना चाहिए तभी आपस में प्रेम वात्सल्य और शांति का माहौल कायम किया जा सकता है।

आज प्रातः दस लक्षण व्रतधारी प्रसम सेठी, अक्षय गंगवाल, नमन सेठी, सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर चेलना सेठी, एकांत विनायका, ऋषभ काला, अंकित ठोलिया, तनीषा छाबड़ा, ममता सेठी और रत्नत्रय धारी व्रतियों का स्वागत अभिनंदन प्रतीक चिन्ह सम्मान पत्र देकर जैन समाज के पदाधिकारियों ने किया। महिला समाज ने सभी व्रतधारियों का पारणा करवाया। संध्या में भगवान की शांति धारा और विश्व शांति मत्रों से युक्त लॉन्ग की माला और आरती करने का सौभाग्य अनिल, मनोज कमल, पिंकी कासलीवाल परिवार को मिला। रक्षा कासलीवाल को चांदी की माला समाज के पदाधिकारी ने पहनाया। समाज के लोगों ने उन्हें उनके घर चांडक परिसर तक बैंड बाजे के साथ घर तक पहुंचाया। प्रातः सभी व्रतधारियों के व्रत की अनुमोदना के लिए बैंड बाजे के द्वारा उनके घर पहुंचाया गया।

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