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धर्म सभा में हुए प्रवचन : क्षमा मांगना और करना कमजोरों की नहीं वीरों की निशानी है – आचार्य पुलक सागर जी 


ऋषभदेव दिगंबर जैन दशा नरसिंह पूरा स्थित भट्टाराक यश कीर्ति गुरुकुल सभागार में राजकीय अतिथि गुरुदेव आचार्य पुलक सागर जी के सानिद्य में क्षमा वाणी पर्व मनाया गया। इस अवसर पर गुरुदेव ने कहा कि दुनिया में जिन शासन ऐसा होता है जो बिना अपराध के भी क्षमा मांगता है। पढ़िए सचिन गंगावत की रिपोर्ट…


ऋषभदेव दिगंबर जैन दशा नरसिंह पूरा स्थित भट्टारक यश कीर्ति गुरुकुल सभागार में राजकीय अतिथि गुरुदेव आचार्य पुलक सागर जी के सानिद्य में क्षमा वाणी पर्व मनाया गया। इस अवसर पर गुरुदेव ने कहा कि दुनिया में जिन शासन ऐसा होता है जो बिना अपराध के भी क्षमा मांगता है। दुनिया के धर्मो में हथियार के बदौलत धर्म की स्थापना की होगी लेकिन महावीर ने प्रेम के दम पर अपने धर्म की स्थापना की है। उन्होंने देश दुनिया नहीं जीती अपने आप को जीता है।

भगवान महावीर पेड़-पौधे, चिंटियों, हवाओ, प्रकृति, से भी क्षमा मांगते रहे है। ऐसा क्षमाशील कोई धर्म है तो वो जैन धर्म है। हम उस वंश में पैदा हुए जहां हम दूसरों से नही खुद से भी डरा करते है। हम संवेदनशील है हम प्रकृति की धड़कनों को भी पहचानते है।

गुरुदेव ने आगे कहा कि मैं कुछ भी नही था सब आपके प्यार ने मुझे बनाया है इस मौके पर सबसे क्षमा याचना भी की और कहा हम सबको मिलकर धर्म का नाम रोशन करना है। इसके बाद उपवास करने वाले सभी तपस्वी को बग्गी में बैठा कर श्री जी के दर्शन और पारणा कराने के लिए शोभा यात्रा निकाली। शोभायात्रा गुरुकुल पटुना चोक नेहरू बाजार, सदर बाजार होते हुए मुख्य मंदिर पहुंची, वहां सभी तपस्वियों ने मंदिर जी में दर्शन किए। साथ ही ढोल ताशों पर महिलाओं और पुरुषों ने गरबा किया। शोभायात्रा पुनः मुख्य मार्ग से गुरुकुल पहुंची, सभी तपस्वियों को सिहासन पर बैठाया गया।

पारणा कराने का सौभाग्य सिरीश भाई मंजू देवी, सोमी, चित्रांशी परिवार को प्राप्त हुआ। परिवार ने सभी तपस्वियों को माला व मुकुट पहनाएं। उसके बाद नमोकार महामंत्र का जाप और पंच परमेष्ठि को नमन किया। सभी तपस्वियों ने देव शास्त्र गुरू को साक्षी रख कर उपवास की साधना को बुधवार को पूर्णिमा के दिन व्रत का उद्यापन व विसर्जन किया और क्षमा याचना की।

इस मौके पर 10 दिवसीय व्रत करने वाले खेरवाड़ा के मोहन मीना का भी पारणा किया गया। साथ ही बाहर से आए समाजजनों का स्वामी वात्सल्य किया गया। इस अवसर पर महिला मंडल से महालक्ष्मी पंचोली, मंजू भवरा, आभा किकावत, नीलम वाणावत सह मंत्री स्वेता दोवड़िया और समाज के कार्यकारिणी सदस्य पुलक मंच, युवा परिषद, आदिनाथ एकता मंच, तरुण क्रांति मंच के सदस्यजन मौजूद रहे। नवयुवक मंडल के महामंत्री अंकुश भानावत ने बताया कि गुरुवार से ऋषभदेव में दो दिवसीय भव्य रथ महोत्सव का आयोजन भी शुरू होगा।

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