दिगंबर जैन समाज के रेडीमेड व्यवसायी स्व. गुलाबचंद जैन की धर्मपत्नी प्रभादेवी का शुक्रवार सुबह असामयिक निधन हो गया। इससे सकल दिगंबर जैन समाज में शोक व्याप्त है। समाजजनों ने शोकाकुल परिवार के प्रति शोक संवेदनाए व्यक्त की है। प्रभादेवी धर्मनिष्ठ, वीतराग धर्म का पालन करने वाली नियम धर्मा थीं। वे लंबे समय से अस्वस्थ थीं, लेकिन देवपूजन और दर्शन आदि के प्रति नियमबद्ध अंत तक बनी रहीं। इंदौर से पढ़िए यह खबर…
इंदौर। दिगंबर जैन परवार समाज के उदार हृदय, धर्मनिष्ठ एवं रेडीमेड वस्त्र निर्माण उद्योगपति स्वर्गीय गुलाबचंद जैन (केएस गारमेंट्स परिवार )की धर्मपत्नी एवं कैलाश, विनोद, सतीश एवं सुनील जैन की मां प्रभादेवी जैन के निधन हो गया। इस समाचार से जैन समाज में शोक की लहर व्याप्त है। प्रभादेवी जैन ने अपने गृहस्थ जीवन को संयम धर्म से सजाकर त्याग और वीतराग धर्म का पालन करते हुए जिया। वे प्रतिमा धारी थीं और लंबे समय से अस्वस्थ भी थीं लेकिन, अस्वस्थ होने के बावजूद उन्होंने देव दर्शन, पूजन स्वाध्याय जाप व्रत उपवास आदि नियमों का शारीरिक क्षमतानुसार पालन किया।
संभवत उन्हें अपनी-मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था। इसलिए उन्होंने अपने परिजनों के समक्ष दीक्षा अंगीकार करने की भावना 2 दिन पूर्व व्यक्त की थी। परिजनों ने उनकी इस इच्छा के मद्देनजर उदयनगर में विराजमान आर्यिका दृढ़मति माताजी को भी अवगत कराया था। माताजी शुक्रवार सुबह उन्हें संबोधन देने के लिए तिलक नगर स्थित निवास पर भी आने वाली थीं, लेकिन उनके आने के पूर्व ही उनका प्रभु से मिलन हो गया। उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय परिसर छत्रपति नगर में उन्होंने एक कक्ष का निर्माण भी कराया एवं उनकी प्रेरणा से परिवार के सदस्यों ने भी जिनालय निर्माण में तन-मन-धन से सहयोग दिया। केएस परिवार न केवल धर्मनिष्ठ है बल्कि उदार हृदय, पर दुःखकातर भी है और धर्म, समाज, संस्कृति, जीव दया, मानव सेवा, मंदिर निर्माण एवं तीर्थों के जीर्णोद्धार के लिए भी समर्पित रहता है।
प्रभादेवी के निधन पर छत्रपति नगर का श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से शोक संतप्त केएस परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की गई। कार्याध्यक्ष आदिनाथ जिनालय ट्रस्ट डॉ.जैनेंद्र जैन छत्रपति नगर इंदौर, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू, दिगंबर जैन परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मुक्ता जैन आदि समाजजनों ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
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