भगवान चंद्रप्रभ का जीवन तपस्या और साधना से परिपूर्ण था, और उनके जीवन के कई प्रसंगों से भक्तों को प्रेरणा मिलती है। 26 दिसंबर को भगवान चंद्रप्रभु के जन्मकल्याणक और तपकल्याणक के अवसर पर जैन समाज इन अतिशय क्षेत्रों में जाकर उनकी पूजा अर्चना करेगा और चमत्कारी दर्शन का लाभ उठाएगा। पढ़िए संपादक रेखा संजय जैन और रिपोर्टर प्रीतम लखवाल की यह विशेष रिपोर्ट…
इंदौर। 26 दिसंबर को भगवान चंद्रप्रभ का जन्मकल्याणक और तपकल्याणक मनाया जाएगा। जैन धर्म में आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु की विशेष पूजा और आराधना चंद्र ग्रह की शांति के लिए की जाती है। आज हम भगवान चंद्रप्रभु के जीवन पर एक नजर डालेंगे और साथ ही देश के पांच प्रमुख अतिशय क्षेत्रों के बारे में भी जानेंगे, जहां भगवान चंद्रप्रभु के चमत्कारी दर्शन होते हैं।
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