सारांश
श्रीफल जैन न्यूज़ आपको जैन धर्म से जुड़े प्राचीन व नवीन चमत्कारिक अतिशय क्षेत्रों के बारे में बारे में जानकारी दे रहा है । इसी सीरीज में आज बात होगी हरियाणा में चरखी-दादरी क्षेत्र के रानिला अतिशय आदिनाथ जैन मंदिर की..रानिला गांव में जैनियों की आबादी नहीं थी लेकिन इस प्रतिमा के निकलने के बाद एक के बाद इस गांव में कई चमत्कार होते रहे । पढ़िए विस्तार से…
हरियाणा राज्य में चरखी-दादरी क्षेत्र का रानिला गांव, कहने को तो यहां नाममात्र के जैन परिवार हैं लेकिन अपने अतिशय के कारण आस-पास के क्षेत्रों में भगवान आदिनाथ का ये सबसे बड़ा धाम है। यहां भगवान आदिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, रानीला के आदिनाथ पुराम में स्थित है । शानदार मंदिर बहुत चमत्कारी माना जाता है । मूलनायक भगवान आदिनाथ जी हैं । यहां एक नारंगी रंग की मूर्ति है जो आदिनाथ के साथ मध्य में स्थित है और शेष 23 तीर्थंकर 3 तरफ हैं । ऐसा माना जाता है कि ये मूर्ति 1400-1500 वर्ष पुरानी है ।
मूर्ति निकली और फिर गांव में होने लगे चमत्कार
1996 में गांव के ही एक किसान रणजीत सिंह के खेत में, दशहरे के दिन खुदाई कार्य के दौरान यह मू्र्ति मिली । रणजीत सिंह का वह फावड़ा मंदिर आज भी मुड़ी हुई अवस्था में मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। बताया जाता है कि फावड़े के मूर्ति से टकराने की वजह से फावड़ा मूड़ गया है । यहां माताजी आर्यिका परम पूज्य सृष्टि भूषण जी को भी चमत्कार के दर्शन हुए । एक दिन भक्तामर स्त्रोत के पाठ के दौरान बताते हैं कि इस मूर्ति से अपने आप गंधोदक निकलने लगा था । गंधोदक का सेवन करने के बाद, माताजी की घुटनों की तकलीफ समाप्त हो गई । इस मंदिर में आर्यिका माताजी की पिच्छी भी सुरक्षित रखी हुई है ।
पहले खारा था पानी, मूर्ति निकलने के बाद मीठा हो गया
रानिला में लोग कहते हैं कि पहले यहां खारे पानी की समस्या था, लेकिन मूर्ति निकलने और स्थापित होने के बाद, क्षेत्र में धीरे-धीरे पानी मीठा होता गया । अब यह क्षेत्र 22 एकड़ में फैला है । खुदाई के दौरान भगवान आदिनाथ के साथ देवी प्रतिमा भी निकली थी । उसे भी यहीं स्थापित किया गया है ।
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