शिखरजी संघर्ष सेना द्वारा देशभर में मुंडन आंदोलन आज किया जा रहा है। जिसमें विविध शहरों में 500 से ज्यादा युवक अपना सर मुंडवा कर इस निर्णय का विरोध करेंगे । इसके बाद अभियान के दूसरे चरण में अनेक स्थानों पर यह आंदोलन चलेगा ।
झारखंड राज्य में स्थित सम्मेदशिखरजी यह पूरे विश्व के जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ स्थान है। यहां से 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष को गये है। ऐसे परम पावन तीर्थ को झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार ने इको सेंसेटीव जोन एवं पर्यटन स्थल की सूची में नामांकित किया है ।
जिससे आगामी समय में यहां पर रिसोर्ट खुलेंगे, मत्सपालन, कुक्कुटपालन का व्यवसाय बढेगा। सैरसपाटे के लिए अन्य सैलानी आयेंगे, जिससे यहां की पवित्रता भंग हो जायेगी।
शिखरजी संघर्ष सेना ने मांग की है कि यह निर्णय तुंरत रद्द किया जाए ।
इस हेतु दिल्ली में विश्व जैन संघटन द्वारा आमरन अनशन शुरु किया गया है । छह दिन से जारी इस आमरण आंदोलन को लेकर पूरे देश भर में जैन समाज चिंतित होकर आंदोलन की राह पर निकल पड़ा है । देश भर के सभी शहरों में मोर्चे निकाले गये है ।
नासिक में मुंडन अभियान से जताया गया विरोध
इसी कडी में इस अन्यायकारक निर्णय के खिलाफ निषेध के रुप में आज नासिक शहर में अशोक स्तंभ पर पारस लोहाडे, मयुर गंगवाल, अजय ताथेड, संदीप जैन, दिपक काळे, शाम महाजन, देवेश बोरा, इन्होंने मुंडन किया। यह मुंडन आनलाईन किया गया।
जिसमें देशभर के 500 युवक झूम के माध्यम से जुडकर एक साथ मुंडन कर इस निर्णय का विरोध कर रहे है ।
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