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केंद्र सरकार शिखरजी तीर्थ को पर्यटन केंद्र बनाने का निर्णय वापस ले

इंदौर. राजेश जैन दद्दू । तीर्थराज सम्मेद शिखर के संरक्षण, उसके अस्तित्व एवं पवित्रता और स्वतंत्र पहचान के लिए चल रहे देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हुए दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी एवं मंत्री डॉक्टर जैनेंद्र जैन ने बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शिखरजी तीर्थ को पर्यटन केंद्र बनाए जाने का निर्णय तीर्थ की पवित्रता एवं प्राचीनता नष्ट करने के साथ-साथ उसके अस्तित्व पर कुठाराघात है।

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यह निर्णय अहिंसक और अल्पसंख्यक जैन समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला भी है। अतः इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर के सांसद शंकर लालवानी से भी भेंट कर उन्हें निर्णय के विरोध एवं निर्णय वापस लेने के संबंध में एक ज्ञापन भी दिया है। पाटोदी ने समग्र जैन समाज से आह्वान किया कि शिखरजी सहित सभी पुरातन जैन तीर्थ हमारी संस्कृति की ऐतिहासिक धरोहर हैं, इनसे ही हमारी जैन संस्कृति की प्राचीनता और इतिहास का पता चलता है।

उनकी रक्षा एवं संरक्षण करना जिन शासन की रक्षा करना है। इसलिए तीर्थों की रक्षा एवं संरक्षण के लिए समग्र जैन समाज संगठित बनें, संगठित रहें और तीर्थों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास और आंदोलन को सफल बनांए। युवा प्रकोष्ठ प्रवक्ता राजेश जैन दद्दू ने कहा कि हर घर से पुरुष, महिलाएं, बच्चे और समाज के जितने भी संगठन, सोशल ग्रुप, महिला संगठन, महिला मंडल हैं, वे इस संदर्भ में रविवार को निकलने वाली रैली में सम्मिलित होकर शासन तक अपनी आवाज पहुंचाएं।

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