नगर में चातुर्मास हेतु पधारी गणनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ के चातुर्मास को लेकर मंगल कलश स्थापना की गई। प्रवक्ता सन्मति काका ने बताया कि स्थानीय सकल जैन समाज के श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीच मांगलिक क्रियाओं के साथ आर्यिका संघ की ओर से पावन चातुर्मास मंगल कलश स्थापना की गई। इसका शुभारंभ प्रातः श्रीजी का पंचामृत अभिषेक नित्य नियम पूजन पश्चात आर्यिका पूर्ण मति माताजी द्वारा रचित कल्याण मंदिर स्त्रोत्र विधान माताजी के सानिध्य बड़े मंदिर जी में संपन्न हुआ। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…
सनावद। नगर में चातुर्मास हेतु पधारी गणनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ के चातुर्मास को लेकर मंगल कलश स्थापना की गई। प्रवक्ता सन्मति काका ने बताया कि स्थानीय सकल जैन समाज के श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीच मांगलिक क्रियाओं के साथ आर्यिका संघ की ओर से पावन चातुर्मास मंगल कलश स्थापना की गई। इसका शुभारंभ प्रातः श्रीजी का पंचामृत अभिषेक नित्य नियम पूजन पश्चात आर्यिका पूर्ण मति माताजी द्वारा रचित कल्याण मंदिर स्त्रोत्र विधान माताजी के सानिध्य बड़े मंदिर जी में संपन्न हुआ। अगली कड़ी में दोपहर की पावन बेला में संत भवन में आयोजित कार्यक्रम में वर्तमान शासन नायक भगवन महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन आर्यिका माताजी की संगस्त शुशीला बाई एवं सुलोचना बाई के द्वारा किया गया। तत्पश्चात मंगलाचरण प्रदीप पंचोलिया द्वारा किया गया। अगली कड़ी में आर्यिका माताजी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य भानु बाई कमलचंद जटाले परिवार को प्राप्त हुआ। सभी पूर्वाचार्यों के महाअर्घ्य चढ़ाने का सौभाग्य सभी समाजजनों को प्राप्त हुआ। इसी कड़ी में आर्यिका सरस्वती माताजी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य मास्टर श्राविल पुत्र संजना जैन को प्राप्त हुआ, वही आर्यिका अनंत मति माताजी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अक्षय कुमार अभिजीत कुमार सराफ परिवार को मिला। आर्यिका महोत्सव मति माता जी को शास्त्र भेट करने का सौभाग्य आचार्य वर्धमान सागर बहु मंडल की महिलाओं को मिला।सरस्वती माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य खुश कवर बाई सुरेशचंद जैन अमर ज्योति परिवार को प्राप्त हूवा। एवम अनंतमति माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य शुपार्श्वनाथ महिला मंडल को मिला तथा महोत्सव मति माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य डॉ.रमेश जैन, डॉ.उत्तम कुमार भाई अरविंद कुमार जैन परिवार को मिला। कार्यक्रम के मुख्य, प्रथम मंगल चातुर्मास कलश संतोष कुमार बाकलीवाल परिवार सनावद, द्वितीय कलश चंचला बाई पवन कुमार कातोरा परिवार सनावद एवं तृतीय कलश सुधीर कुमार नवल चंद चौधरी परिवार सनावद को प्राप्त हुआ।
चार माह का त्योहार
इस अवसर पर आर्यिका सरस्वती माताजी ने कहा कि चातुर्मास जैन समाज के लिये एक त्योहार है जो 4 माह तक मनाया जाता है। चातुर्मास में दो व्यक्तियों की जरूरत होती है एक तो भरोसा दूसरा भरोसे को समझने वाला। उन्होंने बताया कि चातुर्मास एक स्थान पर स्थित होकर धर्म को आत्मसात करने का मुख्य आधार है। यह चेतना के जागरण की निर्मल प्रक्रिया है। धर्म ही आत्मा के रुपांतरण का पवित्र अनुष्ठान प्रयोग है। जिस प्रकार वर्षा जमीन से मिलती है तो वर्षायोग बन जाता है उसी प्रकार संत श्रावक का मिलन तीर्थ समान माना जाता है। उन्होंने कहा कि वर्षा योग में चेतना पर अभयदान की वर्षा ,परमात्मा को पाने का उपाय सात्विक जीवन जीने की कला सीखने का अवसर होने के साथ साथ जीवन से पलायन नहीं जीवन परायण की कला है। आर्यिका अनंत मति माताजी ने कहा कि
आत्म साधना का तरीका पुण्य कमाने का तरीका जीव रक्षा का पावन अवसर पर चातुर्मास को माना गया है। चातुर्मास में साधु संत चार माह तक एक स्थान पर साधना करते है। इसका मुख्य कारण बरसात में होने वाले जीवों की हत्या अधिक होती है इसलिए संत एक स्थान पर रह कर चातुर्मास करते हैं। आर्यिका माताजी ने कलश में डालने वाली वस्तुओं जैसे पारा, सुपारी, बादाम, लौंग, इलायची, हल्दी, सरसों, नवरत्न इत्यादि वस्तुओं का भी महत्त्व बताया। इस मौके पर कमल जैन एंड पार्टी बड़वाह ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किये। सभा का संचालन प्रशांतचौधरी ने किया। इस अवसर पर मुकेश जैन, मनोज जैन, सरल जटाले, अचिंत्य जैन,अक्षय जैन, महावीर जैन, हेमंत काका, हर्षित जैन, अभिजीत सराफ, सुधीर जैन, पुष्पेंद्र जैन, पवन धनोते महेंद्र पाटोदी सहित युवा संघ बहु मंडल के सभी सदस्य सहित सभी समाजजन उपस्थित थे।
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