आलेख

जीवन के महत्व को समझिए – प्रियंका जैन, किशनगढ

यह जीवन हमें हमारे शुभ कर्मो के फल के रूप में मिला है। हम सभी को इसका मूल्य पता होना चाहिए। हम बेहतर जीवन के लिए प्रत्येक दिन खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन याद रखिए कि जीवन यात्रा हमेशा आसान नहीं होती। ऐसे में हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।

जीवन का महत्व

जीवन का अनमोल उपहार है। इसका बहुत ध्यान रखना जरूरी है। हमें धरती पर भेजने और ऐसा सुंदर वातावरण देने के लिए हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिए। हमें पूर्ण जीवन देने और शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिए। सिर्फ मानव ही नहीं, जानवरों, पक्षियों और पौधों का जीवन भी उतना ही कीमती है, जितना हमारा, इसलिए हमें इनका मूल्य भी पता होना चाहिए।

चुनौतियों से निपटना

हमारे जीवन में कई चुनौतियां आती हैं और हमें इनका सामना करना ही पड़ता है। इन चुनौतियों को पार करने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण और लक्ष्य होना जरूरी है। स्पष्ट दृष्टिकोण और लक्ष्य हमें हर चुनौती और बाधा को पार करने में मदद करते हैं। चुनौतियों से निपटने के लिए हमें अपनी सुविधाओं और आराम को छोड़ना पड़ता है। मन में साहस और दृढता रखनी होती है और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ना होता है।

चुनौतियों से निपटने के कुछ उपाय

चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है कि हम दृढनिश्चयी रहें और परिवार तथा दोस्तों की मदद लें। इनका साथ रहेगा तो हम किसी भी चुनौती को आसानी से पारकर सकते हैं, क्योंकि अकेला व्यक्ति सबकुछ नहीं कर सकता, इसलिए परिवार और मित्रों का साथ बेहद जरूरी है।

जीवन को एक उद्देश्य दें

ईश्वर ने हमें यह जीवन दिया है तो जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है। हमें जीवन को सही दिशा में आगे बढाने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य जरूर निर्धारित करने चाहिए और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास व मेहनत करनी चाहिए।

जीवन को बर्बाद मत कीजिए

बहुत लोगों को देखा जाता है कि वे कई व्यसनों जैसे शराब, धूम्रपान, नशीली दवाइयों आदि का सेवन कर या बुरी संगत में पड़कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। ऐसा करके वे सिर्फ खुद को ही नहीं, अपने परिजनों, मित्रों और उनसे जुड़े सभी लोगों को कष्ट देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि जो जीवन मिला है, उसका सही उपयोग करते हुए आगे बढ़ाना चाहिए। प्रभु की भक्ति और साधु और गुणिजनों के साथ रहते हुए और उनका ध्यान रखते हुए जीवन को निर्मल बनाना चाहिए। तभी हमारा जीवन सुखी और आनंदमयी हो सकता है।

मुझे यह प्रेरणा मेरे गुरू अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर महाराज से मिली है। वे भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष करते हैं और बेहतर जीवन जीने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहते हैं तथा उनमें नई सोच का विकास करना चाहते हैं।

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