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औरंगाबाद जैन मंदिर से मूर्ति चोरी में नया खुलासा:  असली पहचान छुपा कर जैन युवती से शादी की

 

औरंगाबाद के कचनेर गांव के जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की सोने की 2 किलो 300 ग्राम सोने की मूर्ति चोरी हो गई थी। मूर्ति की कीमत करीब 1 करोड 5 लाख रूपए आंकी गई है। मूर्ति चोरी की पड़ताल में एक बड़ी सफलता हासिल मिली है। महाराष्ट्र पुलिस ने दो आरोपियों अर्पित नरेन्द्र जैन और उसके साथी अनिल विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है ।

दोनों आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पूरी घटना को अंजाम दिया। अर्पित जैन चातुर्मास के दौरान सौभाग्य सागर महाराज का सेवक बनकर कचनेर के मंदिर में रूका था। उसका साथी अनिल विश्वकर्मा भी इस दौरान उसके साथ ही था। दरअसल, अनिल ने अपनी असली पहचान छिपा कर एक जैन युवती से शादी की थी और बाद में वह जैन समाज के कार्यक्रमों में शामिल होने लगा था।

चातुर्मास के दौरान मूर्ति का रखने के स्थान और समय के बारे में अर्पित ने पूरी जानकारी हासिल की और 14 दिसम्बर को असली मूर्ति के स्थान पर राजस्थान में बनवाई पीतल की मूर्ति रख गया। जब पूजा के दौरान मूर्ति ने अपना रंग छोडा तब मंदिर कमेटी को मूर्ति बदले जाने की भनक लगी।

चोरी के बाद आरोपियों ने मूर्ति के टुकडे करके उसे भोपाल के एक सराफा व्यापारी का बेच दिया जिससे उसे करीब 32 लाख रूपए मिले। महाराष्टृ पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर सागर के मकरोनिया इलाके से दोनो आरोपियों को धर दबोचा।

दोनों के पास से 1 किलो 700 ग्राम सोने के टुकडे और 70 हजार रूपए नगद बरामद हुए है। फिलहाल महाराष्टृ पुलिस मामले की गहन पडताल कर रही है।

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