दिल्ली में सकल जैन समाज के साथ श्रम, रोजगार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री, माननीय भूपेंद्र यादव जी की बैठक हुई । इस बैठक में दिल्ली, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात आदि सभी प्रदेशों से जैन समाज के लोग उपस्थित थे । इस बैठक में माननीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी ने सभी के समक्ष आश्वासन दिया है बहुत जल्दी (आज या कल तक) श्री सम्मेद शिखर जी को जैन पवित्र स्थल घोषित कर दिया जायेगा ।
इस आश्वासन के तुरंत बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की केन्द्र वन मंत्री भूपेन्द्र यादव के नाम एक चिठ्ठी आई । इस चिठ्ठी में केन्द्र सरकार से अपील की गई है । दो पेज की इस चिठ्ठी में कई अन्य बातें हैं जिसमें पारसनाथ क्षेत्र, सम्मेद शिखर की सुचिता व सुरक्षा बनाए रखने के लिए किए गए इंतजामों का जिक्र है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण जो बिन्दू हैं,
वो यहां पढ़िए –
“02.08.2019 की अधिसूचना को निरस्त करने के लिए जैन समाज के कई आवेदन मिले । इस अधिसूचना के कंडिका-2.3(5) और कंडिका 3(3) में पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन का उल्लेख है । इस पर जैन समुदाय को आपत्ति होने का उल्लेख भी प्राप्त आवेदनों में है । राज्य सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावना का पूरा सम्मान करती है एवं उक्त स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है । अत: उक्त अधिसूचना के क्रियान्वयन में सरकार ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है । इस प्रकार उक्त स्थल के धार्मिक महत्व के अनुसार पवित्रता और सुचिता को अक्षुण्ण रखने की दिशा में राज्य सरकार के अधीन आने वाले विषयों पर राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास व आवश्यक कार्रवाई की जा रही है । परंतु जहां तक जैन अनुयायियों से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसचूना संख्या कां.आं.2795 (अ) दिनांक -02.08.2019 को निरस्त करने हेतु प्राप्त अनुरोध का प्रश्न है, इस पर पर्यावरण, वन,जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ही कार्रवाई की जा सकती है । अत : अनुरोध है कि जैन अनुयायियों से प्राप्त अनुरोध के आलोक में उनके धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार के अधिसूचना संख्या कां.आ. 2795 (अ) दिनांक -02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने की कृपा की जाए । “- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री , झारखंड सरकार
जैन समाज एक अर्से से इस बारे में आंदोलन कर रहा था । मुबंई,कोल्हापुर,जयपुर,रांची,इंदौर देश का ऐसा कोई कोना नहीं था, जहां जैन समाज ने सड़कों पर अपनी ताकत नहीं दिखाई हो । हमारे साधु-संतों का तो क्या ही कहना, इतने संयमित और संतुलित आंदोलन को पग-पग पर दिशा देने वाले दिगम्बर,श्वेताबंर जैन साधुओं की कीर्ति की कहानी घर-घर में सुनाई जाएगी ।
मुनि झारखंड के सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेयसागर ने अपने प्राण त्याग दिए । जैन समाज ऐसे युगपुरुषों की वजह से शाश्वत है, सत्य है, अटल है …सम्मेद शिखर सा महान है । जैन समाज की लड़ाई अभी निर्णायक जीत की और बढ़ रही है ।
पूर्ण सन्तुष्टि, तृप्ति तब आएगी जब सम्मेद शिखर पूर्णरुपेण जैन तीर्थ स्थल घोषित होगा । जैन संस्कृति का संवाहक और अध्ययन का केन्द्र होगा ।
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