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पूर्व जन्म के पापों से मिलता है दिव्यांग का जन्मः मुनि सुधासागर जी

पूर्व जन्म के पापों से मिलता है दिव्यांग का जन्मः मुनि सुधासागर जी

पापी व्यक्ति के पास जितना ज्ञान होगा, वह उतना ही अनर्थ करेगा

ललितपुर. राजीव सिंघई । श्री अभिनन्दनोदय अतिशय तीर्थ के तलैया स्थित नयनाभिराम पांडाल में निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने गुरुभक्तों को संबोधित करते हुए कहा है कि जीवन में दो तरह के व्यक्ति होते हैं। एक तो वे जिन्हें न तो कुछ समझ में आता है और न इन्हें कोई समझाने वाला होता है। दूसरे वे- जिन्हें समझाने वाला मौजूद है पर वह समझने में असमर्थ हैं। जैसे गंदगी में रहने वाले को निकाला तो जा सकता है, गन्दगी कोई खत्म नहीं कर सकता है। पापी व्यक्ति के पास जितना ज्ञान होगा, वह उतना ही अनर्थ करेगा। उसके पास जितना मन होगा, उतना ही पाप करेगा।

धन होगा तो भी पाप करेगा। ताकत होगी तो वह अपने समूह के साथ और अपने अत्याचार को बढ़ाएगा।
मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने आगे कहा कि प्रकृति ने भी सोचा कि ऐसे व्यक्ति को कैसे कन्ट्रोल करें तो प्रकृति में आचार संहिता होती है। तो प्रकृति कहती है कि पापी जिन साधनों का उपयोग करता है, वह साधन छीन लो। उसको उस रूप से कमजोर कर दो जिससे वह अंकुश पाये। पूर्व जन्म में किए गए पापों को इस जन्म में भोगना पड़ता है। किसी व्यक्ति ने पूर्वजन्म मेंअपने पैरों से पाप किया होगा तो वह लंगड़ा, पोलियोग्रस्त बनेगा।

किसी ने आंखों से पाप किया होगा तो वह अंधा बनेगा और किसी ने मुंह से गंदा किया होगा तो वह गूंगा होगा और कानों से यदि पाप किया होगा तो वह बहरा बनेगा। अर्थात पाप करने वाले की पांचों इन्द्रियों में से किसी न किसी का अभाव होगा। केवल एक इन्द्रिय वाला भी बना तो नाक, कान, आंख, मुंह के चींटी रूपी भी पैदा हो सकता है। उन्होंने भक्तों से पाप नहीं करने की सीख दी।

मुनि श्री ने कहा कि भगवान के समोशरण में तीर्थंकर जैसे भव्य जीव बैठकर भी अपने लिए कुछ नहीं मांगते। वह जगत के सभी जीवों की मंगलकामना करते हैं। भगवान का कहना है कि भक्त का कर्तव्य है कि वह अपने भगवान को खुश रखे। खुश रखने का तरीका है कि वह भगवान के बताये हुए मार्ग पर चले। भगवान बनो या न बनो, कोई बात नहीं। पर भगवान को नाराज मत करो। अनेक उदाहरण देते हुए उन्होंने भक्तों को बताया कि अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। सभा का संचालन महामंत्री डा. अक्षय टडैया ने किया।

अभिनन्दनोदय तीर्थ में मुनि श्री के मुखारविन्द से शान्तिधारा करने का सौभाग्य तरुण रजनी काला व्यावर मुम्बई, चन्द्रावाई संदीप सराफ अलंकार ज्वैलर्स, प्रदीप अंशुल सागर, नमन पिराका सूरत, प्रियम प्रमोद मनोज प्रेस,गजरादेवी इंजी. मनोज सिंघई, सिन्धू, इं. अर्पित, डा. अंशिका, सुशील,वीना, शशांक आंकांक्षा कोटा के अलावा स्थानीय श्रावक श्रष्ठियों के परिवार को मिला।

मंगलवार को निर्यापक मुनि श्री सुधासागर महाराज का अष्टमी के अवसर पर उपवास रहा। मुनि पूज्यसागर महाराज को आहार एवं पडगाहन विवेक समैया परिवार, ऐलक धैर्यसागर को आहार एवं पडगाहन चन्द्रकुमार लोहिया परिवार एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज आहारदान एवं पडगाहन दीपक मलैया परिवार को मिला।

 

श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशान्ति यज्ञ आज

महावीर जयंती एवं धार्मिक आयोजन समिति संयोजक मनोज बबीना ने
बताया कि श्री अभिनंदनोदय अतिशय क्षेत्र में 2 से 8 नवम्बर तक अष्ठानिका महापर्व
के अवसर पर मुनि संध के सान्निध्य में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशान्ति यज्ञ पुण्यार्जक मदन लाल काका परिवार द्वारा हो रहा है। यह आयोजन प्रदीप भैया सुयश अशोकनगर के द्वारा संपन्न कराया जायेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम सत्येन्द्र शर्मा एण्ड पार्टी कंठस्थ कला केन्द्र दिल्ली द्वारा एवं नीलेश जैन पार्टी द्वारा संगीत दिया जायेगा। बुधवार को प्रातः घटयात्रा,मंगल कलश स्थापना, -झंडारोहण,पात्र शुद्धि, अखंड दीप स्थापना, सकलीकरण, इन्द्र प्रतिष्ठा पूजन आदि कार्यक्रम होंगे।

दिव्यांगों को क्रत्रिम पांव व महिलाओं को व्हीलचेयर उपलब्ध कराई
मंगलवार को क्षेत्रपाल मंदिर में मुनि श्री सुधासागर के सान्निध्य में अखिल भारतीय संस्था तरुण मित्र परिषद द्वारा दिव्यांगों को क्रत्रिम पांव व वयोबृद्ध आठ दिव्यांग जिनके पांव नहीं थे, कृत्रिम पांव व महिलाओं को व्हीलचेयर उपलब्ध कराई गई। परिषद के कार्यकलापों की प्रशंसा करते हुए परिषद के पदाधिकारियों को मुनि श्री ने आशीर्वाद दिया और उनके सुखमय जीवन की कामना की। कहा कि पूर्वजन्म में किए गए पापों के कारण वह दिव्यांग जीवन जी रहे हैं, परन्तु वह अपने अच्छे कर्म करके इसे सुखमय बना सकते हैं। उन्होंने सभी दिव्यांगों को मांस, मंदिरा त्याग का संकल्प
दिलाया। कार्यक्रम आयोजक समकित जैन ने बताया कि यह कार्य समाज के अध्यक्ष अनिल अंचल, महामंत्री डा. अक्षय टडैया और सैकड़ों धर्माविलंबियों की उपस्थिति में हुआ। परिषद के मंत्री अशोक जैन ने बताया कि अक्टूबर में पांचवें दिव्यांग कैम्प में इन दिव्यांगों का चयन किया गया था। इस अवसर पर नेत्र चिकित्सालय के अध्यक्ष अरविन्द जैन, परिषद के महासचिव आलोक जैन, संगठन सचिव राकेश जैन, शशांक जैन, अमितप्रिय जैन, प्रांजली व राशि जैन उपस्थित थे।

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