होम्बुजा /टोरंटो। कनाडा के टोरंटो में एक जैन मंदिर में 24 तीर्थंकरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित किया गया। 24 से 28 जून तक जिनगामा पद्धति में होम्बुजा जैन मठ के पूज्य जगद्गुरु स्वस्तिश्री देवेन्द्रकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी और श्री चारुकीर्ति भट्टारक पंडिताचार्य महास्वामीजी ने पूजा-अनुष्ठानों की अध्यक्षता की और उपदेश दिए। सोलापुर के प्रतिष्ठाचार्य ने संस्कार संपन्न कराया। संचालन महावीर शास्त्री ने किया। इस अवसर पर वहां उपस्थित देवेन्द्रकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी ने कहा कि प्राचीन काल से जैन धर्म स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के महत्व का उपदेश देता रहा है।
जीवन में सफलता पाने के लिए आपको जीवन जीने का तरीका बदलना होगा। मनुष्य जीवन में हर प्रकार की उन्नति के लिए ईश्वर की शरण में जाता है। वह अनेक विकल्पों से दूर होने का संकल्प करता है। उन्होंने कहा कि होम्बुजा एक अच्छा इंसान बन सकता है अगर वह भगवान की तरह जैन मठ के निर्विकल्प का पालन करे।
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