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धरियावद में 9 मार्च को होगी जैनेश्वरी दीक्षा : इंदौर से पधारे भक्तों ने अप्रैल में सुमतिधाम पधारे का किया निवेदन


आचार्यश्री वर्धमान सागर जी महाराज धरियावद में 9 मार्च को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान करेंगे। यहां 76 वर्षीय व्यवसायी भंवरलाल सरिया ने जैनेश्वरी दीक्षा के लिए आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया है। वहीं इंदौर से पधारे मुनि भक्तों ने आचार्य श्री को सुमतिधाम में होने वाले पट्टाचार्य महोत्सव के लिए श्रीफल भेंट कर निवेदन कर आशीर्वाद लिया। धरियावद से राजेश पंचोलिया की पढ़िए यह खबर…


धरियावद। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 52 साधु सहित यहां विराजित हैं। कुछ दिनों पूर्व आचार्य श्री शिव सागर जी के समाधि दिवस पर आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने समाज को प्रेरणा दी थी कि श्रावकों को खड़े-खड़े घर से निकलना चाहिए अर्थात संयम दीक्षा धारण करना चाहिए। आचार्य श्रीमुख से मंगलमय वाणी फलीभूत हुई और नगर के व्यवसायी भरे-पूरे परिवार के 76 वर्षीय भंवरलाल सरिया ने 4 मार्च को जैनेश्वरी दीक्षा के लिए श्रीफल अर्पित कर दीक्षा का निवेदन किया। बुधवार के प्रवचन में आचार्य श्री ने 9 मार्च को दीक्षा देने की घोषणा की तो सारा पंडाल तालियों और आचार्य श्री की जय-जयकार से गूंज गया। वीणा दीदी, गज्जू भैया, राजेश पंचोलिया के अनुसार गुरुवार को मूलनायक चंद्रप्रभु भगवान का निर्वाण मोक्ष कल्याणक पर आचार्य वर्धमान सागर जी, मुनि श्री पुण्य सागर सहित 52 साधुओं के सानिध्य में नयनाभिराम पंचामृत अभिषेक विभिन्न द्रव्यों से संपन्न हुआ। आचार्य श्री के दर्शन और नगर आगमन आगामी चातुर्मास के निवेदन करने अनेक नगरों से प्रतिदिन पंच, श्रद्धालु पधार रहे हैं। इंदौर में अप्रैल माह में सुमति धाम में आयोजित आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी के आचार्य पट्ट कार्यक्रम में संघ सहित मंगल सानिध्य के लिए मनीष गोधा, नरेंद्र वेद, प्रदीप बड़जात्या, आदित्य सोनी आदि ने निवेदन किया। साथ ही सैकड़ों भक्त आचार्य श्री के दर्शन और आशीर्वाद के लिए धरियावद पधारे।

 दीक्षार्थी भंवरलाल सरिया का सामान्य परिचय

दीक्षार्थी भंवरलाल के पुत्र गजेंद्र ने बताया कि पिताजी का जन्म 7 जुलाई1949 को धरियावद में हुआ। आपके पिता झमकलाल सरिया जो समाधिस्थ मुनिश्री उदय सागर जी रहे। मुनि श्री उदय सागर जी की क्षुल्लक दीक्षा धरियावद में तथा मुनि दीक्षा चावंद में वर्ष 1979 में हुई थी। आपकी समाधि वर्ष 1980 में हुई। आपकी माता स्व. साकर देवी हैं। आपकी लौकिक शिक्षा 10 वीं तक होकर आप कुशल व्यापारी हैं। परिवार सहित नगर में प्रसन्नता है। इस अवसर पर हल्दी, मेहंदी, शोभायात्रा जुलूस निकाला जाएगा। 75 वर्षीय आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने अभी तक 113 दीक्षाएं दी हैं। आप धरियावद में दूसरी बार दीक्षा देंगे। इसके पूर्व श्री मूर्ति मति माताजी को वर्ष 2001में क्षुल्लिका दीक्षा दी थी।

नगर से अनेक साधु हुए

धरियाबाद से अभी तक 8 मुनि एवं 4 आर्यिका माताजी तथा पूर्व में 12 साधु हो चुके हैं। मुनि श्री उदय सागर जी, श्री सुधर्म सागर जी, श्री प्रवेश सागर जी श्री समाधि सागर जी, श्री श्रेयससागर जी, श्री पद्म कीर्ति सागर जी, श्री उदित सागर जी, श्री मुमुक्षु सागर जी, आर्यिका श्री श्रेय मति, श्री उत्साह मति, श्री योगीमती जी, श्री प्रेक्षा मति जी हैं।

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