किसी भी संत के जीवन में दीक्षा दिवस, किसी पर्व से कम नहीं होता । धरियावद में क्षुल्लक अनुश्रमण जी महाराज का दूसरा दीक्षा दिवस था । क्षुल्लक श्री अनुश्रमण जी, धरियावद में अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज के सानिध्य में संघस्थ हैं । आयोजन के बारे में विस्तार से जानिए हमारे सहयोगी निखिल भूता की रिपोर्ट में
धारियावद में गुरुवार को आचार्य कुंथु सागर दिगम्बर जैन नसियां में जैन श्रावकों का खासा उत्साह दिखा । अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में संघस्थ क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज का दूसरा दीक्षा दिवस का अवसर था । आपको बता दें कि 16 फरवरी 2021 की क्षुल्लक अनुश्रमण महाराज जी दीक्षा लोहारिया में हुई थी।
नसिया मंदिर में हुए विविध धार्मिक आयोजन
नसिया मंदिर में मुलनायक आदिनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक हुआ । उसके बाद भगवान के 1000 नाम वाले सहस्रनाम के मंत्रो के साथ 1000 लड्डू चढ़ाए गए । उसके बाद मुनि श्री पूज्य सागर महाराज का पाद पक्षालन क्षुल्लक श्रीं और समाज के लोगो ने किया । क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज का पाद पक्षालन, महावीर वखावत ने किया । इसी तरह सहस्रनाम मंत्रो का जाप महावीर डागरिया, राजेश सेठ, आदेश पटवा,अभिलाषा गोवाडियापंकज रमावत,गौरव दोषी,राजकुमार दोषी,रानू संदेश जोदावत ,महावीर वखावत में किया ।
दीक्षा वही लेता है, जिसके पुण्य का उदय हो – पूज्य सागर जी महाराज
अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज में कहा की दीक्षा होना बड़ा सौभाग्य है क्योंकि हर कोई दीक्षा नही के सकता है बल्कि वही ले सकता जिसका पुण्य का उदय होता है । वहीं कार्यक्रम में, क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज में कहा की दीक्षा से आत्म कल्याण होता और कर्मों की निर्जरा निरंतर होती है । जिसका जन्म ,दीक्षा और समाधि होती है । वह एक दिन नियम से मोक्ष को प्राप्त करता है ।
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