तीर्थों को पिकनिक एवं पर्यटन स्पॉट न बनने दें
सम्मेद शिखरजी पूर्णतः सुरक्षित, भ्रामक खबरों से बचें: शिखरचंद्र पहाड़िया
जयपुर 24 जनवरी। जैन पत्रकार महासंघ के तत्वावधान में 23 जनवरी को जयपुर में जैन तीर्थ क्षेत्रों की सुरक्षा एवं संवर्धन विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित की गई। जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जैन तिजारिया की अध्यक्षता एवं भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिखर चंद पहाड़िया, मुंबई के मुख्य आतिथ्य में संपन्न इस वेबीनार में जैन तीर्थ क्षेत्रों के संबंध में फैल रही भ्रांतियों एवं अन्य भ्रामक खबरों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
प्रज्ञा श्रमण मुनि श्री अमित सागर जी महाराज ने अपने आशीवर्चन में कहा कि जिससे संसार सागर से तिरा जा सकता है, वह तीर्थ है। तीर्थ चल व अचल हैं, तीर्थ हमारी आराधना के केंद्र बिंदु हैं। तीर्थों पर मर्यादा में आ रही कमी चिंताजनक है।
भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिखर चंद पहाड़िया ने कहा कि सम्मेद शिखरजी पूर्णतः सुरक्षित है। सोशल मीडिया पर आ रही खबरें भ्रामक हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ पर जाने वाली मोटरसाइकिलें बंद करा दी गई हैं। पैदल मार्ग पर सड़क निर्माण की परमिशन सरकार से प्राप्त हो गई है तथा पुलिसकर्मी तैनात हो गए हैं। शीघ्र ही पुलिस चौकी भी स्थापित हो जाएगी। पारसनाथ टोंक की चाबी दिगंबर संप्रदाय के पास भी उपलब्ध है। पहाड़ पर सफाई कार्य जारी है। उन्होंने अनेक भ्रान्तियों का निवारण करते हुए बताया कि प्रत्येक टोंक पर शीघ्र दरवाजा लगाया जाएगा, उन्होंने दान दातारों से तीर्थ क्षेत्र कमेटी के लिए फंड उपलब्ध कराए जाने पर भी प्रकाश डाला।
चिरंजीलाल बगड़ा कोलकाता ने चार सूत्रीय कार्यक्रम का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि महत्त्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्रों को सरकार से जैन तीर्थ घोषित करवाना चाहिए। राष्ट्रीय सामाजिक संस्थाओं को अधिकृत मीडिया प्रभारी नियुक्त करना चाहिए। समाज के शीर्ष नेतृत्व के प्रति विश्वसनीयता स्थापित हो तथा तीर्थ क्षेत्रों की पवित्रता के लिए नियमावली तैयार हो।
सुरेश जैन आईएएस ने कहा कि तीर्थों का आधुनिक तरीके से प्रबंधन हो। कुल राशि का एक अंश तीर्थ क्षेत्रों को दान अवश्य किया जाए। डॉ मणींद्र जैन दिल्ली ने कहा कि मूल समस्या समझ कर स्वयं तीर्थ क्षेत्रों के लिए पवित्रता की शुरुआत की जाए। डॉ. अनिल जैन जयपुर ने कहा कि पत्रकार अपना दायित्व निभाएं। कोई भी न्यूज़ सोशल मीडिया पर पूरी जांच के पश्चात ही जारी करें। पुराने तीर्थ क्षेत्रों का संरक्षण हो, गाइडलाइन तैयार हो। शरद जैन दिल्ली ने कहा कि सभी तीर्थ क्षेत्रों की पवित्रता के लिए राष्ट्रीय संस्थाओं को जागरूक होना चाहिए। पुरातत्व धरोहर के लिए एक म्यूजियम का निर्माण होना चाहिए एवं अनुसंधान के रूप में पुरातत्व की गणना हो।
राजेंद्र जैन महावीर सनावद ने कहा कि जन सहभागिता से तीर्थ क्षेत्र कमेटी को भ्रांतियों के निवारण के लिए एक सोशल मीडिया प्रभारी बनाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीर्थ को तीर्थ मानें, पर्यटक स्थल नहीं, तीर्थों को पिकनिक स्पॉट न बनने दें। हंसमुख गांधी इंदौर ने कहा कि तीर्थों, मंदिरों, धर्मशालाओं का रिकॉर्ड सूचीबद्ध होना चाहिए। महेंद्र पाटनी जयपुर ने कहा कि दिगंबर श्वेतांबर समाज को जोड़कर जन सहभागिता से तीर्थ क्षेत्रों की सुरक्षा की अति आवश्यकता है। एडवोकेट हेमंत सोगानी जयपुर ने कहा कि तीर्थों का प्रबंधन प्रभावशाली होना चाहिए।
डॉ. सुनील संचय ललितपुर ने कहा कि हमारे मंदिर, तीर्थ क्षेत्र स्थापत्य कला, मूर्तिकला, स्वाध्याय, ज्ञान, संयम एवं साधना के साथ-साथ जीवन जीने की आदर्श शैली सिखाने के महान केंद्र हैं। वेबीनार में सुमेर काले मांगीतुंगी, स्वाति जैन हैदराबाद, संजय बड़जात्या कामां, राकेश चपलमन कोटा, रजत सेठी ईसरी, सुरजीत कोलापुर पुरवेल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। अध्यक्षीय उद्बोधन में रमेश जैन तिजारिया ने कहा कि समाज जैन पत्रकारों को सहयोग दें। वेबिनार में देशभर की राष्ट्रीय संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल हुए।
अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन जयपुर ने किया। संचालन महासंघ की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. प्रगति जैन इंदौर ने किया। संयोजन महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जर्नलिस्ट मनीष शास्त्री शाहगढ एवं तकनीकी संयोजन संघस्थ मोहित जैन मोही ने किया। वेबिनार का शुभारंभ निर्वाचन अधिकारी धरणेन्द्र जैन आईएएस भोपाल ने दीप प्रज्वलन कर किया। मंगलाचरण राष्ट्रीय कवि अजय अहिंसा वाकल जबलपुर ने किया।
समाचार सौजन्य- राजेन्द्र जैन ,सनावद
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