*
दीपक जैन – पहले दिन गुरुवार को उपयुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार की बैठक जैन कमेटियों के प्रतिनिधियों से की थी। दूसरे दिन शुक्रवार को पारसनाथ मेें मांस-मदिरा पर रोक को 25 होमगार्ड जवानों की नियुक्ति के लिए पर्यटन विकास निगम के राज्य मुख्यालय से स्वीकृति मांगी। वहीं पारसनाथ में मांस- मदिरा के सेवन व बिक्री पर पूर्ण रोक के लिए पीरटांड़ व डुमरी के अधीनस्थों को उपायुक्त ने पुलिस की नियमित सघन पेट्रोलिंग करने का आदेश दिया है।
दरअसल, सम्मेद शिखरजी को सरकार की ओर से पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में दिल्ली समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में जैनियों की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था। गिरिडीह में भी प्रदर्शन होना था पर उपायुक्त की पहल पर उसे स्थगित कर दिया गया। डीसी ने गुरुवार की बैठक में तीर्थ स्थल की पवित्रता बरकरार रखने, यात्री सुविधा देने, क्षेत्र का विकास करने, भ्रातियां दूर करने क बाबत कई प्रस्ताव प्राधिकार की बैठक में लिया था। अब उस पर अमल भी शुरू हो गया है।
मांस-मदिरा विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध
इसके पूर्व डुमरी के एसडीएम ने शुक्रवार को उपायुक्त सह पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार के प्रबंधक निदेशक को पत्र लिखकर पारसनाथ शिखर से तलहटी मधुबन तक मांस-मदिरा के क्रय-विक्रय व सेवन पर पूर्णत: रोक लगाने के लिए नियमित निगरानी की आवश्यकता जताई थी।
साथ ही होमगार्ड जवानोें की प्रतिनियुक्ति करने का प्रस्ताव दिया। वह भी सरकार की ओर से बुधवार को जारी आदेश का हवाला देते हुए। ताकि तीर्थ स्थल की पवित्रता कायम रखी जा सके। इसी पर डीसी नमन ने झारखंड पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा और पारसनाथ सम्मेद शिखर जी में मांस-मदिरा पर रोक को 25 होमगार्ड जवानों की प्रतिनियुक्ति की स्वीकृति देने व उनके कर्तव्य भत्ता भुगतान के लिए आवंटन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इधर डुमरी अनुमंडल के एसडीएम, एडीपीओ, पीरटांड़ के बीडीओ व सीओ को डीसी ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि सरकार जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने को प्रतिबद्ध है। इसलिए संबंधित क्षेत्र में मांस-मदिरा के क्रय-विक्रय व उपभोग राेकने को आवश्यक कार्रवाई करें और पेट्रोलिंग और गहन करें। मधुबन पारसनाथ डुमरी व पीरटांड़ क्षेत्र में पड़ता है।