सारांश
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रोम द्वारा जैन समाज के धर्मगुरुओं पर अमर्यादित बयान से जैन समाज के लोग काफी आक्रोश में है। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट।
इंदौर। झारखंड में जैन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल में बदलने का फैसला वापस लेने के लिए पूरे देश में जैन समाज के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रोम के बयान ने जैन समाज के आक्रोश को बढ़ा दिया है। अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव अजय जैन ने मांग की है कि अल्पसंख्यक जैन समाज के धर्मगुरुओं पर अपने अमर्यादित बयान के लिए विधायक लोबिन हेंब्रोम जैन समाज से माफी मांगे।
आदिवासियों को लुभाने के लिए अमर्यादित टिप्पणी
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बोरियो से निर्वाचित झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रोम ने अपने राजनीतिक फायदे और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अल्पसंख्यक जैन समाज के धर्मगुरुओं पर अमर्यादित टिप्पणी की है ताकि भोले-भाले आदिवासियों को लुभाया जा सके। एक जनप्रतिनिधि जो मां, माटी, मानुष की बात करता है, वह क्या इस तरह से संस्कृति की रक्षा कर सकेगा? दोनों समुदाय वर्षों से वहां रह रहे हैं।
एक जनप्रतिनिधि का आदिवासियों को उकसाना उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। अजय जैन ने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि विधायक किसके इशारे पर दो संप्रदायों को लड़ाने का काम कर रहे हैं, इसकी जांच करवाई जाए। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा सभी धर्मों को सम्मान किया है। विधायक द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी हम अल्पसंख्यक जैन समाज को पीड़ा पहुंचाती है।
दो संप्रदायों के बीच लड़ाई कराने का काम
इंदौर दिगबर जैन समाज सामाजिक संसद के युवा प्रकोष्ठ प्रवक्ता ने भी विधायक के इस बयान की निन्दा की और कहा है कि वह भीड़ जमा करके दो संप्रदायों के बीच लड़ाई करवाने का काम करवा रहे हैं। वहां के भोले-भाले आदिवासियों को यह समझना होगा कि जैन धर्म के गुरुओं ने सर्वोच्च त्यागकर प्राणीमात्र के प्रति सद्भावना एवं जियो और जीने का संदेश दिया है।
हमेशा राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि माना है। विधायक का ऐसे गुरुओं के प्रति अनर्गल बातें करना शोभाजनक नहीं है।
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